आजादी के बाद से भारत को चीन और पाकिस्तान से कई बार युद्ध लड़ना पड़ा। भारत हथियारों और अन्य रक्षा उपकरणों के लिए विदेश पर ही निर्भर था। ऐसे में हथियारों की खरीद में बड़ी पूंजी खर्च करनी पड़ी थी। हालांकि अब स्थिति एकदम से बदल रही है। आने वाले समय में दुनियाभर में अग्रणी रक्ष उपकरण का निर्यातक बन सकता है। गुजरात के वडोदरा में प्रधानमंत्री मोदी ने सी295 के प्लांट का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि अगले दो साल में देश का रक्षा उत्पादन 25 अरब डॉलर का हो सकता है। वायुसेना में इस्तेमाल होने वाले एवरो HS748 की जगह पर वडोदरा की फैक्ट्री में तैयार होने वाले विमानों को तैनात किया जाएगा। टाटा और एयरबस के जॉइंट वेंचर द्वारा सी295 सामान वाहक विमान तैयार किए जाएंगे। टाटा और एयरबस ने गुजरात सरकार के साथ 22 हजार करोड़ की डील पर साइन किए हैं। रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा था कि पहली बार है जब कि यूरोप के बाहर भी माल वाहक विमान तैयार किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सी295MW से भारतीय वायुसेना के क्षमता में बढ़ोतरी होगी। आने वाले समय में भारत यात्री विमानों का भी निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि देश में विमानों के निर्माण के लिए माहौल तैयार हो रहा है। एयरबस के सीसीओ के मुताबिक आने वाले समय में हर हफ्ते एक विमान डिलिवर किए जाने की तैयारी है। उन्होंने कहा, भारत में मेक इन इंडिया से वह काफी प्रभावित हैं और आने वाले समय में नए प्रोजेक्ट पर भी विचार किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए रास्ता खोलकर भारत ने बिजनस का माहौल काफी सुधारा है। वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डुइंग बिजनस रैंकिंग में भी भारत ने पांच स्थान का सुधार दर्ज किया है। दक्षिण अफ्रीका, रूस और स्वीडन की कंपनियां भी भारत की कंपनियों के साथ साझेदारी करके भारत में अपना प्लांट लगाने को तैयार हैं। अप्रैल में रक्षा मंत्री ने तीसरी स्वदेशीकरण सूची जारी की थी। इसमें 101 उपकरणों के नाम थे। क्रमबद्ध तरीके से इन उपकरणों को 2027 तक स्वदेशी बनाने की योजना है। पहली सूची में 101 उपकरण, दूसरी में 108 और तीसरी में 101 उपकरण शामिल थे। इन 310 उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय मानकों का भी ध्यान दिया जाएगा ताकि इनका निर्यात भी सुगम हो सके। तीसरी सूची में हल्के टैंक, माउंटेड आर्टी गन सिस्टम (155एमएमX 52सीएएल), पिनाका एमएलआरएस के लिए गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज (जीईआर) रॉकेट, नौसेना के उपयोग के लिए हेलीकॉप्टर (एनयूएच), नई पीढ़ी की अपतटीय पेट्रोल पोत (एनजीओपीवी), एमएफ स्टार (जहाजों के लिए रडार), मध्यम रेंज की पोत-रोधी मिसाइल (नौसेना संस्करण), अत्याधुनिक हल्के टॉरपीडो (शिप लॉन्च), उच्च सहनशील स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, मध्यम ऊंचाई की अधिक सहनशक्ति मानव रहित हवाई वाहन(मेल यूएवी), विकिरण रोधी मिसाइल और लॉटरिंग युद्ध सामग्री शामिल हैं।
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