पटना

राजगीर: वैश्विक महामारी कोरोना ने पर्यटन उद्योग को पहुंचाया वेंटिलेटर पर


राजगीर (नालंदा) (आससे)। वैश्विक महामारी कोरोना ने पर्यटन उद्योग को वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया है। लॉकडाउन के बाद भले ही राजगीर और नालंदा के पुरातात्विक धरोहर, पार्क और रोपवे खोल दिये गये हैं। लेकिन पर्यटन क्षेत्र के लिए अब भी कई तरह की पाबंदियां जारी हैं। 12 बजे तक ही पार्कों को खोलने की सरकारी अनुमति है।

इस कारण पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों में मायूसी है। कुछ पर्यटन स्थलों के खुलने से सैलानियों का आवागमन शुरू हो गया है। धीरे धीरे पर्यटन उद्योग का स्वास्थ्य सुधरने लगा है। लेकिन पहले जैसे पर्यटकों की संख्या पर्यटन स्थलों पर नहीं देखी जा रही है। इसके कई कारण बताए जा रहे हैं। एक तो नेचर सफारी जैसे पर्यटन स्थल को नहीं खोलने का असर है, तो दूसरा 12 बजे तक खुलने का समय निर्धारित है।

बावजूद रविवार को 2064 देशी पर्यटकों ने रोपवे का आनन्द लिया है। कोरोना संक्रमण का डर लोगों में अब उतना नहीं है, जितना बताया जा रहा है। बावजूद कोरोना संक्रमण के डर से पर्यटक बड़ी संख्या में अब भी नहीं पहुंच रहे हैं। इस कारण पर्यटन स्थलों पर पहले जैसी गहमागहमी नहीं है। पाबंदियां कब हटेंगी और पर्यटक कब घूमने निकलेंगे इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। इस बीच पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों को हर रोज बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। विदेशी पर्यटकों का आना पुरी तरह बन्द है।

नेचर सफारी बन्द रहने के कारण देशी सैलानी भी छिटपुट ही पहुंच रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान तो पर्यटन शून्य ही रही है। अनलॉक वन के बाद कुछ गतिविधियां शुरू हुई हैं, लेकिन उससे कोई खास राहत नहीं मिली है। इंटरनेशनल उड़ानें बंद होने की वजह से विदेशी पर्यटक बिल्कुल नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन टू के बाद पर्यटन उद्योग में फिर से निखार आने की उम्मीदें जगी है। लोग आशा भरी नजरों से पर्यटकों की बाट जोह रहे हैं।