उत्तर प्रदेश वाराणसी

राजनीतिक खींचतानमें स्थानान्तरित हो रहा विश्वविद्यालय


महाविद्यालयी शिक्षकोंने मुख्यमंत्रीको भेजा ज्ञापन, दोहरायी आंदोलनकी प्रतिबद्धता

आजमगढ़। जिले में बनने वाला विश्वविद्यालय राजनैतिक खींचतान में अन्यत्र स्थानान्तरित किया जा रहा है। इसे लेकर महाविद्यालयों के शिक्षक आक्रोशित हैं। आक्रोशित शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल इसे लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा और चेतावनी दिया कि यदि विश्वविद्यालय कहीं अन्यत्र ले जाया गया तो वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। महाविद्यालय शिक्षक संघ के तत्वावधान में बुधवार को आजमगढ़ व मऊ जिले के समस्त प्राध्यापकों की वचुर्वल बैठक डा0 प्रवेश सिंह के आवास पर सम्पन्न हुई। जिसमे शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के प्रति शासन-प्रशासन के उदासीनता पर भारी रोष जताया। इस दौरान शिक्षको का एक प्रतिनिधिमंडल डा0 प्रवेश सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक एडीएम प्रशासन को सौंपा और चेतावनी दिया कि अगर मात्र राजनैतिक खींचातानी के लिए चलते अगर विश्वविद्यालय को अन्यंत्र स्थापित करने की कवायद की गयी तो जिले के लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। बैठक को संबोधित करते हुए महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा0 प्रवेश कुमार सिंह ने कहा कि बीते बुधवार को मुख्यमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के प्रगति की समीक्षा करने जिले में पहुंचे थे। इस दौरान जिला प्रशासन ने विश्वविद्यालय की प्रस्तावित जमीन को लो-लैंड बताने पर मुख्यमंत्री ने जिले में दूसरी भूमि खोजने का निर्देश दिया। आजमगढ़ का सम्पूर्ण जनमानस इससे अपने को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक जिले के अग्रणी नेताओं का प्रश्न है तो उनकी उदासीनता प्रदर्शित करती है कि इस ड्रीम्स प्रोजेक्ट मे उनकी कोई रूचि नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणो से कोई मुख्यमंत्री के पास नहीं पहुंच सकता लेकिन उनको हस्तक्षेप करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मोहब्बतपुर में प्रस्तावित विवि के लिए आवागमन की बेहतर सुविधा 24 घंटे मिल सकेगी अन्यंत्र कहीं जाने पर पीजीआई चक्रपानपुर जैसी कीमत जनपदवासियों को भुगतनी पड़ेगी। शिक्षक ऐसे घटनाओं की पृनरावृत्ति किसी भी दशा में होने नहीं देगा। जरूरत पड़ी तो सड़क से लेकर सदन तक अपनी आवाज को मजबूती से रखेगा। जिलाध्यक्ष बाबर, जिला महामंत्री डा0 इन्द्रजीत व सहित अन्य प्राध्यापकों ने एक स्वर में कहा कि विवि अन्यंत्र बनाये जाने के शासन-प्रशासन की इस साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। क्योंकि लम्बे संघर्षो के बाद जिले को विवि की सौगात मिली है। जिला उपाध्यक्ष डा0 वीरेन्द्र दुबे व कोषाध्यक्ष डा0 ईश्वरचन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन के इस रवैये से जनपदवासी अपने को ठगा महसूस कर रहे है। विश्वविद्यालय के लिए मोहब्बतपुर में प्रस्तावित भूमि शहर के नजदीक है। इस विवि से जुडऩे वाले पड़ोसी जनपद मऊ के लोगों को भी सुविधा मिलेगी। जिसका डीसीएसके मऊ के प्राध्यापकों ने पूर्ण समर्थन किया। शासन प्रशासन जानबूझकर विवि अभियान पर पलीता लगाना चाहता है जो हम शिक्षक एवं जिले का बुद्धिजीवी वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा। अंत में वक्ताओं ने जनपद के सभी वर्ग के लोगों से विवि के लिए अपने स्तर से शासन-प्रशासन पर दबाव बनाये जाने की बात कहीं जिससे की यह विश्वविद्यालय कहीं अन्यंत्र न जाये। अध्यक्षता शिनेका के डा जिम्मी व संचालन अजीत प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर जिला बालीवाल संघ येगेंद्र यादव, सचिव वीरेन्द्र सिंह, प्रहलाद पांडेय, डा0 सियाराम, डा0 फखरे आलम, डा0 फूलचंद सिंह, डा0 मधुबाला, डा0 सुनील, डा0 विष्णु, रविन्द्र, डा0 अजीत, इंजी0 जितेन्द्र, डा0 रामानांद, डा0 राजेश आदि शामिल रहे।