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रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, बोले- हमारे सामने बड़ी चुनौती


कोलंबो, । आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को बुधवार को नया राष्ट्रपति मिल गया है। रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर ली है। रानिल ने दुल्लास अल्हाप्पेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके को मात दी। रानिल को 134 वोट मिले हैं।

बुधवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव

इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग कोलंबो में हुई। अंतरिम राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपना वोट डाला। तमिल नेशनल पीपुल्स फ्रंट (TNFP) के महासचिव और सांसद सेल्वरासा गजेंद्रन ने मतदान नहीं किया। कई सांसद अभी तक वोट डाल चुके हैं। मतदान के लिए सुरक्षा कड़ी की गई थी।

 

रानिल विक्रमसिंघे

राजनीति का लंबा अनुभव है। श्रीलंका के पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। संसद में उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी का केवल एक ही सांसद है। रानिल राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार और वकील भी रह चुके हैं। 1977 में वो पहली बार आम चुनाव में विजयी होकर संसद सदस्‍य बने थे। वह 1993 में पहली बार पीएम बने थे। रानिल अभी अंतरिम राष्ट्रपति हैं।

 

दुल्लास अल्हाप्पेरुमा

दुल्लास श्रीलंका के सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे मतारा जिले से सांसद है। 1994 में डुलास पहली बार पीपुल्‍स एलांइस से सांसद बने थे। वर्ष 2000, 2005, 2007, 2010, 2015 और 2020 में भी वो सांसद चुने गए। सिर्फ एक बार 2001 में उन्हें हार मिली थी। दुल्लास पीपुल्‍स एलांइस के अलावा वे यूपीएफए नेशनल, और एसएलपीपी में रह चुके हैं।

 

अनुरा कुमारा दिसानायके

जनथ विमुक्ति पेरामुना पार्टी के सदस्‍य अनुरा सांसद हैं। साल 2000 में दिसानायके पहली बार सांसद चुने गए थे। 2004 में आम चुनाव में जीत के बाद उन्‍हें केंद्र सरकार में जगह मिली थी। वर्ष 2019 में नेशनल पीपुल्‍स पावर मूवमेंट ने उन्‍हें अपना राष्‍ट्रपति उम्मीदवार बनाया था।

 

श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे गोटाबाया राजपक्षे

गौरतलब है कि 73 वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति रहते हुए श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे। मालदीव से वो अपनी पत्नी संग सिंगापुर चले गए। सिंगापुर पहुंचते ही गोटाबाया ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। गोटाबाया के देश छोड़ने के बाद कोलंबो में हालात बिगड़ गए थे। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई। झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।