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राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा, पीएम ने कांग्रेस पर कसा तंज


नई दिल्ली, । पीएम नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान महंगाई, रोजगार, कोरोना महामारी को लेकर सरकार का पक्ष रखा। साथ ही उन्होंने अपने अंदाज में कांग्रेस पर जमकर हमला भी बोला।

– कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं। भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है। मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें: प्रधानमंत्री

– कुछ लोग ये ही मानते हैं कि हिन्दुस्तान 1947 में पैदा हुआ और भारत में पिछले 75 सालों में जिसको 50 साल काम करने का मौका मिला उनकी नीतियों पर भी इस मानसिकता का प्रभाव रहा जिससे कई विकृतियां पैदा हुई हैं। ये लोकतंत्र आपकी मेहरबानी से नहीं है- पीएम मोदी

– सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने भारत के इतिहास में सरकारों को अस्थिर करने के लिए किस तरह की चाल चली है। अटल जी की सरकार ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड का गठन किया, लेकिन ऐसी कोई समस्या कभी सामने नहीं आई। कांग्रेस आलाकमान के काम करने के 3 तरीके- बदनाम करना, स्थिर करना और फिर खारिज करना। उन्होंने इन सिद्धांतों के साथ काम किया है।

भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत में लोकतंत्र, बहस सदियों से चलती आ रही है। कांग्रेस की समस्या यह है कि उन्होंने वंशवाद के अलावा कभी कुछ नहीं सोचा। भारत का लोकतंत्र परिवार आधारित पार्टियों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है।

– बजट से पहले, हमने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए राज्यों में 64,000 करोड़ रुपये वितरित किए। हम इसे बजट में हाईलाइट नहीं करना चाहते थे और जरूरत के मुताबिक कदम उठाया।

कांग्रेस को नाम बदलने की सलाह

कांग्रेस जब सत्ता में रही, देश का विकास नहीं होने दिया। अब विपक्ष में है तो देश के विकास में बाधा डाल रही है। कांग्रेस को नेशन पर भी आपत्ति है। यदि नेशन इसकी कल्पना गैर संवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों रखा गया? नाम बदलकर आपको फेडरेशन आफ कांग्रेस करना चाहिए। कांग्रेस को अपने पूर्वजों की गलती को सुधारना चाहिए।

– पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार, अगर कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। भारत विदेशी चश्मे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता। इमरजेंसी का कलंक ना होता। अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता। कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती। सिखों का नरसंहार ना होता। सालों-साल पंजाब आतंकी आग में ना जलता। कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती। देश के सामान्य इंसान को घर, सड़क, बिजली, पानी शौचालय मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार करना नहीं पड़ता।

– जब हमने कोविड पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई और केंद्र सरकार एक प्रस्तुति देने के लिए तैयार थी, तो कई दल नहीं आए। पार्टियां राष्ट्रीय स्थिति के आधार पर एक बैठक का बहिष्कार कर रही थीं।

– इस सदन में कुछ साथियों ने भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश की और ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसे पेश करने में आनंद भी आ रहा था। मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जय-पराजय होती रहती है, उससे छाई हुई व्यक्तिगत जीवन की निराशा कम से कम देश पर नहीं थोपनी चाहिए।

– महंगाई ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। अमेरिका 40 साल में सबसे ज्यादा और ब्रिटेन 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई का सामना कर रहा है। यूरो वाले देश भी अपनी मुद्रा के रूप में अभूतपूर्व मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हमने महंगाई पर काबू पाने की कोशिश की है। 2015-2020 के बीच यह दर 4-5% के बीच थी। यूपीए के दौरान महंगाई दहाई अंक में थी।

– कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने पिछले 2 वर्षों में अपरिपक्वता दिखाई है जिसने देश को निराश किया है। हमने देखा है कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ के कारण खेल खेले जाते रहे हैं। भारतीय वैक्सीन के खिलाफ अभियान चलाए गए।

– साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े हैं। ये फार्मल जाब हैं। इनमें से 65 लाख 18 से 25 साल की उम्र के लोग हैं। इन लोगों की पहली बार जाब मार्केट में एंट्री हुई है। नैसकॉम के अनुसार 2017 के बाद 27 लाख रोजगार आईटी सेक्टर में प्राप्त हुआ। 2021 में भारत में जितने यूनिकॉर्न बने वो पहले के वर्षों में बने कुल यूनिकॉर्न से भी ज़्यादा हैं। अगर ये सब रोजगार की गिनती में नहीं आता तो फिर ये रोजगार से ज़्यादा राजनीति की चर्चा ही मानी जाती है।

– यूपी और तमिलनाडु में डिफेंस कारिडोर बना रहे हैं, जिस तरह से MSME क्षेत्र के लोग डिफेंस सेक्टर में आ रहे हैं ये उत्साहवर्धक है और दिखाता है कि देश के लोगों में सामर्थ्य है। देश को डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए MSME के लोग बहुत साहस जुटा रहे हैं- पीएम मोदी

– कोरोना के दौरान 5 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। ये एक नया रिकार्ड है।

– कोरोना के दौरान बहुत सारी बाधाओं के बावजूद हमने गरीबों और जरूरतमंदों को घर उपलब्ध कराने के लिए काम करना जारी रखा। यह सदन कोरोना के दौरान हमारे स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करता है। यह उन्हें और प्रेरित करेगा।

– आज देश आजादी का अमृत महोत्सव, अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है। राष्ट्र को दिशा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। कई नई पहल की गई हैं, जबकि अच्छी पहल जारी है।

– कोरोना महामारी के दौरान हमारे देश के युवाओं ने अपनी पहचान बना कर देश को गौरवान्वित किया है। हमारे युवाओं ने खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और महामारी के कारण अपने प्रदर्शन को प्रभावित नहीं होने दिया और देश का नाम रोशन किया- पीएम

– पहले लाकडाउन के दौरान काफी विचार-विमर्श और थोड़े साहस के साथ तय हुआ कि गांवों के किसानों को लाकडाउन से छूट दी जाए। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था, जिसके परिणामस्वरूप महामारी के दौरान भी बंपर उत्पादकता थी।

– इस बात पर चर्चा हुई कि भारत की वजह से दुनिया पर क्या असर पड़ेगा, लेकिन देश के 130 करोड़ लोगों की इच्छाशक्ति और अनुशासन के कारण भारत के प्रयासों की दुनिया भर में सराहना हो रही है

– इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों के लिए इतने लंबे कालखंड के लिए मुफ्त में राशन की व्यवस्था की गई, ताकि ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो कि उनके घर का चूल्हा न जले। भारत ने ये काम करके दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।