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लोकतांत्रिक देशमें दलबदलकी राजनीति
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 451 ऋतुपर्ण दवे इसमें कोई दो मत नहीं कि दुनियाका सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है जहां लोक यानी जनता अपने भरोसेमंदों नुमाइंदे बनाकर जन उत्तरदायी व्यवस्थाओंकी संचालित प्रणालियोंकी अगुवाई और सुधारकी गुंजाइशोंकी जिम्मेदारी देती है। लोकतंत्रके यह पहरु, आम चुनावोंके जरिये चुने जाकर देश-प्रदेशकी सरकारोंसे लेकर गांवकी पंचायतोंतकमें पक्ष-विपक्षमें बैठकर आमजनके हितके […]
दल जीते देश हारा
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 462 ऋतुपर्ण दवे देशभरमें हर कहीं धधकती चिताओंके धुंए और कब्रिस्तानमें रात-दिन खुद रहे गड्ढïोंमें इनसानोंके अंतिम संस्कारकी तैयारीके बीच स्वतंत्र भारतके इतिहासमें शायद पहला मौका होगा जब चुनाव जीतने या हारनेके जश्नकी असल खुशी कहीं दिखती नहीं है। खुश होनेवाला आम हिन्दुस्तानी किसी अपनेके लिए फिक्रमन्द है या फिर एक-एक सांसके लिए […]
सद्गुरुकी महिमा
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 578 बाबा हरदेव गुरुका वचन क्या है। इस निराकार-दातारका इशारा, इस प्रभु-दातारका ज्ञान। जो गुरुके इस वचनपर एतबार करके, इसपर चलता है, गुरुसे यह ज्ञान रूपी रोशनी प्राप्त करता है और जीवनमें अपनाता है, वही इससे लाभ प्राप्त कर सकता है। कहीं बहुत अंधकार है और एक इनसान आवाजें दे कि कोई रोशनी […]