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रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग केस: आज जोधपुर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई,


  • जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को राबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) से जुड़े महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई होगी. बीकानेर जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त में हुए घोटाले को लेकर ईडी (ED) ने राबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की हाईकोर्ट (Jodhpur High Court) में एक प्रार्थना पत्र दायर कर अनुमति मांग रखी है. इस पर सुनवाई लंबे अरसे से टलती आ रही है. ऐसे में 26 जुलाई का दिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ED सहित देशभर की निगाह इस मामले पर है. हाईकोर्ट राबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की अनुमति प्रदान करता है या नहीं, जांच एजेंसी की निगाह खासकर इस पर है. फिलहाल हाईकोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की कोर्ट में मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. वर्ष 2007 में वाड्रा ने स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी. रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन इस कंपनी के डायरेक्टर बनाए गए. बाद में कंपनी का नाम बदलकर स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड लायबिलिटी कर दिया गया. रजिस्ट्रेशन के समय बताया गया था कि यह कंपनी रेस्टोरेंट, बार और कैंटीन चलाने जैसे काम करेगी.

2012 में हुई थी जमीन की खरीद-फरोख्त
वाड्रा की कंपनी ने 2012 में राजस्थान के बीकानेर जिले में कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी थी. यह जमीन बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए आवंटित थी. चूंकि यह जमीन सेना की थी और इसे बेचा नहीं जा सकता था. यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिया. इन लोगों के माध्यम से ही वाड्रा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया. फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया था.