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लखीमपुर खीरी केस में तकनीकी कमी से आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी वापस,


लखीमपुर खीरी, । देश में बेहद चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा कांड को लेकर लोकसभा के साथ राज्यसभा में जहां केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग हो रही है, वहीं जिला जज की कोर्ट में इस केस के मुख्य आरोपित मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू की जमानत अर्जी तकनीकी खामी के कारण वापस हो गई। इसके साथ ही इस मामले में उसके साथियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।

लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ बढ़ी धाराओं के मामले में सोमवार को जिला जज की कोर्ट में जमानत पर सुनवाई थी। खीरी हिंसा कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र मोनू के खिलाफ बढ़ी हुई धाराओं में उनके अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने शनिवार को जिला जज मुकेश मिश्रा की कोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल कर दी है। इस अर्जी पर आज सुनवाई हुई, लेकिन आशीष मिश्रा की अर्जी तकनीकी खामी के कारण वापस कर दी गई। इस केस में आशीष मिश्रा के साथ जेल में बंद उसके साथियों अंकित दास, लतीफ ,सत्यम व नन्दन की जमानत अर्जी खारिज हो गई है।

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां हिंसा के मामले में किसानों की तरफ से दर्ज कराए गए केस में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग जेल में हैं। विवेचना में उस समय नया मोड़ आ गया जब 13 दिसंबर सोमवार को मामले के विवेचक विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर 279, 338, 304ए, आइपीसी की धाराओं को विलोपित करने व धारा 307, 326 आइपीसी, 3/25/30 सह पठित धारा 35 आम्र्स एक्ट की बढ़ोतरी की मांग की। सीजेएम ने सभी आरोपितों को 14 दिसंबर को जेल से तलब किया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद देर शाम सीजेएम चिंताराम ने खीरी हिंसा मामले में विवेचक की अर्जी स्वीकार करते हुए अनुमति दे दी। धाराओं की बढ़ोतरी के बाद आशीष मिश्र के अधिवक्ता ने 17 दिसंबर को सीजेएम कोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे सीजेएम ने खारिज कर दी थी। इसके बाद शनिवार को फिर दाखिल याचिका पर सुनवाई की गई।