Post Views: 511 आध्यात्मिकता और राजनीति दोनोंका ही मानवता एवं मानवके साथ गहरा संबंध है। राजनीतिका उद्देश्य सुशासन लाना और भौतिक एवं भावानात्मक सुविधाओंको जनतातक पहुंचाना है। वहीं आध्यात्मिकताका लक्ष्य नैतिकता एवं मानवीय मूल्योंको बढ़ाना है। किसी भी देशकी समृद्धि एवं विकासके लिए राजनीति एवं आध्यात्मिकताका एक साथ चलना अति आवश्यक है। सुशासन एवं अच्छे […]
Post Views: 873 तारकेश्वर मिश्र कांग्रेसने पंजाबमें मुख्य मंत्री आखिरकार बदल ही दिया। कैप्टन और सिद्धूमें खींचतान काफी लंबे समयसे जारी थी। अन्तमें जीत सिद्धू खेमेकी हुई है। लेकिन कांग्रेसने अपने नये मुख्य मंत्रीको जिस तरह दलित मुख्य मंत्रीके तौरपर प्रचारित किया है। इसका सीधा-सा अर्थ है कि कांग्रेसने अगले साल चुनावोंके मद्देनजर जाति कार्ड […]
Post Views: 474 डा. बी.दास ‘शास्त्र क्या वस्तु है’ ‘शास्त्र’ शब्द से जो ग्रंथ आजकल समझे जाते हैं, वे सब, किसी न किसी मानवकी बुद्धिसे ही उत्पन्न हुए हैं। गीताके द्वितीय अध्यायमें बुद्धिकी महिमाका गीत है। जितनी बार बुद्धि शब्दका प्रयोग गीतामें हुआ है, उतनी बार केवल आत्मा और अहं (मा, मे, मम) का हुआ […]