Post Views: 513 डा. गौरीशंकर राजहंस जब कोरोनाकी दूसरी लहरका प्रकोप अपने पूरे चरमपर था तब देशके कुछ अर्थशास्त्रियोंने ठीक ही कहा था कि जब कोरोनाकी दूसरी लहर समाप्त होगी तब भारतकी अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न दिखेगी। पहलेकी तरह वह अपने पैरोंपर आसानीसे नहीं खड़ी हो सकेगी। इसका प्रमुख कारण यही होगा कि देशमें बेरोजगारीकी दर बहुत […]
Post Views: 1,174 जग्गी वासुदेव आप किस धर्मसे हैं, इसका आपके यौगिक प्रणालीका उपयोग करनेकी योग्यतासे कुछ भी लेना-देना नहीं है, क्योंकि योग सिर्फ एक तकनीक है। तकनीक इसमें भेद नहीं करती। गुरुत्वाकर्षणके नियमोंकी व्याख्या आइजक न्यूटनने की थी, जो ईसाई संस्कृतिमें रहते थे तो क्या सिर्फ इसीलिए यह गुरुत्वाकर्षणको ईसाई बना देता है। योग […]
Post Views: 878 हरीश बड़थ्वाल देशका स्वास्थ्य परिदृश्य जर्जर है। प्रदूषित हवा-पानी, योग्य डाक्टरोंकी भारी कमी, दशकोंसे बिना डाक्टरोंके चलते सरकारी अस्पताल, इलाजकी आसमान छूती कीमतें, ब्रांड अस्पतालों और डाक्टरोंका खसोटी रुख, और अब, सालभरसे घिसटती कोरोनो महामारी। सचमुच बहुुत महंगा सौदा है बीमार पडऩा। इन सब विडंबनाओंके बावजूद स्वास्थ्य, शरीरकी बुनियादी जानकारी और कुदरती […]