पटना

विश्वविद्यालयों में होगी थर्ड ग्रेड कर्मियों की बहाली


      • अनुदान व एफलिएशन की व्यवस्था होगी ऑनलाइन
      • शिक्षा मंत्री करेंगे 21 को तीन पोर्टल का शुभारंभ

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड के कर्मचारियों की बहाली होगी। बहाली में पारदर्शिता लाने के लिए पूरी प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से अपनायी जायेगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी 21 सितंबर को तीन पोर्टल का शुभारंभ करने वाले हैं। उनमें एक पारंपरिक विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड के कर्मचारियों की बहाली की प्रक्रिया से संबंधित है। राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

दूसरा पोर्टल से डिग्री कॉलेजों को ऑनलाइन एफलिएशन से संबंधित है। इस पोर्टल के माध्यम से एफलिएशन के लिए आवेदन ऑनलाइन लिये जायेंगे। विश्वविद्यालयों द्वारा डिग्री कॉलेजों 18 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे। उसे विश्वविद्यालय अपने प्रस्ताव के साथ 15 जनवरी तक शिक्षा विभाग को ऑनलाइन भेजेगा।

तीसरे पोर्टल के माध्यम से सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को रिजल्ट आधारित अनुदान दिये जाने की व्यवस्था ऑनलाइन हो जायेगी। राज्य में तकरीबन 227 सम्बद्ध डिग्री कॉलेज हैं। सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को उसके छात्र-छात्राओं के स्नातक परीक्षा के श्रेणीवार रिजल्ट के आधार पर अनुदान देने की व्यवस्था है। जिन विश्वविद्यालयों के अधीन सम्बद्ध डिग्री कॉलेज संचालित हैं, उनमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय शामिल हैं।

बहरहाल, तीनों पोर्टल से विश्वविद्यालयों एवं डिग्री कॉलेजों के काम-काज की व्यवस्था में पारदर्शिता आयेगी। कार्यों के निबटारे तय समय-सीमा के दायरे में होंगे। विलंब की स्थिति जिम्मेदारी तय की जा सकेगी।