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वैश्विक स्थिति गंभीर लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में, रुपये की बड़ी गिरावट के लिए जीरो टॉलरेंस


नई दिल्ली, । आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है। रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी के कारण वैश्विक स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था पर इन विपरीत स्थितियों का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ा है। बैंक ऑफ बड़ौदा के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक मौद्रिक नीतियों के कड़े होने, महंगी कमोडिटी और भू-राजनीतिक जोखिमों से दुनिया भर में करेंसी की कीमतों में उथल-पुथल का माहौल है, लेकिन कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय रुपया अभी बेहतर स्थिति में है।

दास ने कहा कि भारतीय रुपया उन्नत और उभरते बाजारों के मुकाबले अच्छी पकड़ बना रहा है। आरबीआई बाजार में तरलता की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी डॉलर की सप्लाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि हेज्ड फॉरेक्स एक्सपोजर को तथ्यात्मक रूप से देखने की जरूरत है, न कि इससे चिंतित होने की। दास ने कहा कि रुपये के किसी भी भारी उतार-चढ़ाव के लिए हम जीरो टॉलरेंस रखते हैं। आरबीआई ने रुपये की उपलब्धता को सुचारू बनाए रखने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये का कोई विशेष स्तर तय नहीं किया है। रुपये की कीमत को ध्यान में रखते हुए जहां जैसी कमी महसूस होती है, आरबीआई उसी हिसाब से बाजार में डॉलर की आपूर्ति कर रहा है।

रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापर सेटेलमेंट पर उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह सिस्टम कैसे काम करेगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि यह भविष्य में अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर साबित होगा। दास ने बैंकों से  पूंजी बफर को अनिवार्य स्तर से ऊपर बनाए रखने का आग्रह किया।

मुद्रास्फीति को चार फीसद रखने की कोशिश

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मुद्रास्फीति स्थिर हो रही है और विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है। आगे जाकर बैंकिंग की दुनिया सहयोगी और प्रतिस्पर्धी होगी। भारत विदेशी मुद्रा बाजारों के साथ जुड़ना जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि रुपया अपने सबसे बेहतर स्तर को प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण मुद्रास्फीति की समस्या से पूरी तरह निपटने का है। हम मुद्रास्फीति को 4 फीसद के आसपास रखने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था के लिए सॉफ्ट-लैंडिंग सुनिश्चित करना है। आगामी एमपीसी बैठक के दौरान वित्तीय वर्ष 2023 के लिए 6.7 मुद्रास्फीति अनुमान की समीक्षा की जाएगी। आरबीआई की शोध टीम इस पर काम कर रही है।

जल्द आएंगे डिजिटल लेंडिंग के दिशा-निर्देश

शक्तिकांत दास ने कहा कि लिक्विडिटी की जरूरत होने पर बैंक धीरे-धीरे जमा दरों में वृद्धि करेंगे। डिजिटल ऋण मुद्दे पर बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस बारे में दिशा-निर्देश जल्द आएंगे। हम एक संतुलित निर्णय लेने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए इसमें बहुत समय लग रहा है।