आजमगढ़के सीजेएम कोर्टमें पुलिसकर्मियोंपर हत्याका मुकदमा
आजमगढ़। मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के आरोपित मुख्य शूटर गिरधारी शर्मा के पुलिस इनकाउन्टर पर सवाल खड़ा हो गया है। यह सवाल आजमगढ़ के क्रिमिनल के प्रख्यात वकील सर्वजीत यादव ने खड़ा किया है। उन्होंने आजमगढ़ के सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके इनकाउन्टर में शामिल पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। हुआ यह था कि बीते छह जनवरी की रात लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अजीत सिंह को 25 गोलियां मारी गई थीं और उसकी मौत हो गयी थी। इस मामले में मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ जिले के कुख्यात बदमाश व अजमतगढ़ के पूर्व प्रमुख ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अब तक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लखनऊ में बहुचर्चित कुख्यात शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर के एनकाउंटर में हुई मौत के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया है। एनकाउंटर को लेकर अदालत में डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन व प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे की अर्जी दाखिल की गई है। यह अर्जी आजमगढ़ के वकील सर्वजीत यादव की ओर से वकील आदेश सिंह व प्रांशु अग्रवाल ने दाखिल की है। अर्जी में पुलिसकर्मियों पर गिरधारी की हत्या का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि हत्या के जुर्म से बचने के लिए कुछ मिथ्या लेखन कर सरकारी दस्तावेज तैयार किए गए है। लिहाजा इनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
सीजेएम सुशील कुमारी ने फिलहाल इस अर्जी पर थाना विभूतिखंड से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। वाराणसी के चोलापुर थाने के लखनपुर का मूल निवासी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर वर्ष 2001 से अपराध जगत में सक्रिय है। वर्ष 2001 में गिरधारी के खिलाफ लूट का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद रंगदारी, लूट और हत्या जैसी गंभीर किस्म की आपराधिक घटनाओं को लेकर चोलापुर थाने में इसके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ था। बीते 15 फरवरी को मऊ के मोहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य शूटर गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वह तीन दिन की रिमांड पर लखनऊ लाया गया था। पुलिस तड़के तीन बजे हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा बरामदगी के लिए शूटर गिरधारी को कार से पुलिस अभिरक्षा में ले जा रही थी कि गोमती नगर थाना क्षेत्र के खरगापुर रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचते ही कार रुकी और गिरधारी ने सिर झटकते हुए दारोगा अख्तर उस्मानी के चेहरे पर प्रहार किया। नाक पर सिर के प्रहार से दरोगा को गंभीर चोट आयी। इसके बाद गिरधारी ने दरोगा अख्तर उस्मानी की पिस्टल छीन ली और भागते हुए फायरिंग शुरू कर दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग में गिरधारी मारा गया था।