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संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का फिर विवादित बयान, बोले- हिजाब ना होने से बढ़ेगी आवारगी


संभल, । रामपुर से आजम खां (Azam Khan) और संभल से शफीकुर्रहमान बर्क (Dr Shafiqur Rahman Barq) समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता हैं। इनके बयान विवादित होने के साथ ही काफी सुर्खियां भी बटोरते हैं।

हिजाब को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज भले ही एकमत नहीं हैं, लेकिन संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपना मत फाइनल कर दिया है। 92 वर्षीय लोकसभा सदस्य बर्क ने कहा है कि स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब धारण ना करने पर आवागी बढ़ेगी। चंद रोज पहले पीएफआइ के पक्ष में बयान देने वाले बर्क ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को कुछ मौलानाओं के राष्ट्रपिता कहने पर भी अपनी आपत्ति जताई थी।

भाजपा ने ही देश में माहौल को बिगाड़ा

हिजाब पर बर्क ने कहा कि भाजपा ने ही देश में माहौल को बिगाड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के हिजाब के फैसले पर एकमत ना होने के बाद भी बर्क ने कहा कि अगर हिजाब पर बैन हटा दिया तो लड़कियां बेपर्दा घूमेंगी तो हर जगह पर आवारगी बढ़ेगी।

  • अगर हिजाब हटाया जाएगा तो लड़कियां हर जगह परा बेपर्दा होकर घूमेंगी
  • सारा माहौल बीजेपी का बिगाड़ा हुआ है
  • हिजाब के प्रयोग पर बैन लगता है तो ना सिर्फ इस्लाम को बल्कि समाज को भी नुकसान होगा

हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच के फैसले को लेकर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क कहा कि जिसने हिजाब के पक्ष में फैसला दिया है मैं उसको मानता हूं। बर्क ने कहा कि कर्नाटक सरकार इस पर भले ही हिजाब पर बैन लगा रही है लेकिन यह हमारा मजहबी और इस्लाम का मामला है। इस्लाम कहता है कि हमारी बच्चियों को पर्दे में रहना चाहिए। हिजाब तो समाज की बहुत सी बुराइयों से अलग कर देता है और यही बुराइयों से बचने का रास्ता भी है।

सरकार अपने हिसाब से कुछ भी करे, इस्लाम को मानने वाले हिजाब पहनाएं

बर्क ने कहा कि बेहिजाब होने से हर समय बहुत सी बुराइयां पैदा होती है और समाज के अंदर भी बिगाड़ पैदा होता है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने हिसाब से अपने कानून में कुछ भी करें लेकिन मुसलमानों पर और इस्लाम के मानने वालों पर किसी तरह की पाबंदी न लगाए। इस मामले में आजाद छोडऩा चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सांसद बर्क ने कहा कि मेरी गुजारिश है कि अभी इस मामले पर रिकंसीडर करने की जरूरत है। और रिकंसीडर करने के लिए करने के लिए दोनों जज एक जगह बैठ कर राय करें कि दोनों में सही बात कौन सी है।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हिजाब विवाद पर फैसला नहीं हो सका। दो जजों की बेंच ने इस मामले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। इसके बाद इस केस को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए भेज दिया गया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपने फैसले में कर्नाटक सरकार के स्कूल-कालेजों में लगाए गए हिजाब बैन को सही ठहराया है।

न्यायालय का आदेश सर्वमान्य

उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कर्नाटक में हिजाब के विवाद के मामले में कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान है। कोर्ट के आदेश पर हम किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। स्कूलों में ड्रेस कोड निर्धारित है। स्टूडेंट वही ड्रेस पहन सकते हैं। न्यायालय का जो फैसला होगा वह सर्वमान्य होगा।

कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब को बैन करने का मामला काफी दिनों से चर्चा में है। अब इसको लेकर शीर्ष अदालत में सुनवाई हो रही है।