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सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत, राष्ट्रपति उम्मीदवार के खिलाफ टिप्पणी, सीआर केसवन ने बताई कांग्रेस छोड़ने की वजह


चेन्नई, । देश के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के पोते सीआर केसवन ने गुरुवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। केसवन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने की वजह बताई है।

केसवन ने बताई कांग्रेस छोड़ने की वजह

केसवन ने कांग्रेस नेताओं द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगना, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के खिलाफ टिप्पणी को वजह बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि दो दशकों से अधिक लंबे समय तक समर्पण भाव के साथ काम करने के बाद भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने चिट्ठी में आगे कहा, “मैं पार्टी की विचारधारा के साथ सहमत नहीं हूं। यही कारण है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी से इन्कार कर दिया और भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने से भी परहेज किया।”

कांग्रेस में रचनात्मक रवैया नहीं

केसवन ने आगे कहा कि मैं पिछले 22 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं, लेकिन दुर्भाग्य से समय के साथ मुझे लगता है कि कांग्रेस में रवैया और दृष्टिकोण न तो रचनात्मक था और न ही ठोस। जिन मूल्यों के लिए मैंने काम किया, वे बदल गए थे।

पार्टी छोड़ना सही फैसला

केसवन ने ये भी कहा, “मुझे नहीं लगता कि एक बार पार्टी छोड़ने के बाद मुझे कांग्रेस के बारे में टिप्पणी करनी चाहिए। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी में राजनीति की जा रही है उससे मैं सहज नहीं हूं और पार्टी छोड़ना ही सही है और मैंने आज यही किया।”

सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगना निराशाजनक

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा, यह निराशाजनक है। मैंने महसूस किया कि मेरा राजनीति करने का तरीका पार्टी के अनुरूप नहीं है, इसलिए मैं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी शामिल नहीं हुआ। मुझे लगा कि अब मैं यहां का नहीं रहा।

द्रौपदी मुर्मु पर हुई गलत टिप्पणी

केसवन ने द्रौपदी मुर्मु पर हुई टिप्पणी को लेकर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मु जी के नामांकन की घोषणा की गई, तो पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यसमिति सदस्य ने कहा कि वह एक बुरे दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं। पार्टी के एक अन्य सदस्य ने कहा कि किसी भी देश को ऐसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए। उनके बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था।