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सस्ते नहीं होंगे होम-ऑटो लोन


ब्याज दरोंमें कोई बदलाव नहीं-आरबीआई

महंगाईसे मिलेगी राहत

मुंबई (आससे.)। अगर आपने होम लोन, ऑटो लोन या किसी भी तरह का लोन लिया है तो यह अभी सस्ता नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इधर, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान जताया है। आरबीआई से कर्ज लेने पर बैंक जिस रेट पर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। वहीं, अपनी बचत आरबीआई के पास रखने पर बैंकों को मिलने वाला ब्याज रिवर्स रेपो रेट कहलाता है। आरबीआई हर दो महीने में ब्याज दरों पर फैसला लेता है। यह काम 6 सदस्यों वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) करती है। 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद 3 से 5 फरवरी तक हुई एमपीसी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। एमपीसी की पिछली 3 मीटिंग में भी रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ था। अभी रेपो रेट 4 प्रतिशत है, जो 15 साल के निचले स्तर पर है, वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत पर बना हुआ है। पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की जा चुकी है।  आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की सीनियर इकोनॉमिस्ट अनघा देवधर ने कहा कि एमपीसी का यह फैसला उम्मीद के मुताबिक रहा। इससे आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिल सकती है। कुल मिलाकर, एमपीसी का   फैसला विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा है।ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैंरिजर्व बैंक अब महंगाई और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। सरकार भी ग्रोथ बढ़ाने पर ही फोकस कर रही है। इससे ब्याज दरों में गिरावट रुकेगी और आगे चलकर ये बढ़ भी सकती हैं। कुछ बैंकों के चेयरमैन मानते हैं कि मई-जून के बाद ब्याज दरें ऊपर जा सकती हैं। तब तक आर्थिक स्थिति सुधरने और मांग बढऩे की उम्मीद है। उस समय तक कोरोना भी काफी हद तक काबू में आ जाएगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं। इसका ही नतीजा है कि हाल के महीनों में एफडीआई और एफपीआई निवेश का फ्लो लगातार बढ़ा है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए खुदरा मंहगाई दर (सीबीआई) 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पहले इसके 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।