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स‍िक्किम से घर लौटी महिला ने सुनाया डरावना अनुभव


अनुगुल। ओडिशा में पुरी जिले के गोप ब्लॉक की एक महिला कई दिनों तक बाढ़ग्रस्त सिक्किम में फंसी रहने के बाद आखिरकार सोमवार को घर लौट आई। उन्होंने सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के दौरान झेले अपने भयावह अनुभव के बारे में जो बताया, उसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए।

इधर-उधर तैर रही थीं लाशें

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नफिशा जहान कुछ दिनों से सिक्किम में आई बाढ़ में फंसी हुई थीं। सोमवार को ओडिशा पहुंचकर उन्‍होंने अपनी आपबीती सुनाई। उनके अनुसार, वह एक भयानक समय था।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी में इधर-उधर लाशें तैर रही थीं। जान बचाने के लिए चिल्‍लाते लोगों की आवाजें अभी भी कानों में गूंज रही हैं। मुझे अभी भी घबराहट होती है।

दोस्‍त के एक फाेन कॉल ने बचा ली जिंदगी

उन्‍होंने आगे कहा, मैंने नहीं सोचा था कि मैं बच पाऊंगी, वह दर्दनाक और भयावह मंजर मैं अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकती। मेरे दोस्त के एक फोन कॉल ने मुझे बचा लिया।

रविवार को बड़ी मुश्किल से सिक्किम से निकलकर अपने गांव गोप पहुंची 25 वर्षीय नफीसा जहान ने अपना अनुभव साझा किया। वह काफी डरी-सहमी दिख रही थी।

नफिशा कथित तौर पर पिछले 3 वर्षों से सिक्किम के रम्पो में एक निजी दवा कंपनी में काम कर रही है।

नफ़ीसा ने कहा कि उस दिन रात करीब 3 बजे मयूरभंज की मेरी दोस्त भूमिका महंत ने मुझे फोन पर बाढ़ के बारे में बताया, जिसके बाद मैं तुरंत भूतल से ऊपरी मंजिल पर भाग गई और खुद को बचाया।

बिस्किट खाकर किया गुजारा

इस दौरान खाने के लिए उन्‍हें केवल बिस्किट मिले। उस घर से निकलकर वह दो किलोमीटर तक कीचड़ में चली, फिर सिलीगुड़ी तक सफर तय करने के बाद ट्रेन से घर पहुंची। उन्होंने कहा कि ये बातें उनके जेहन में हमेशा रहेगी।

सिक्किम में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण बांध के ओवरफ्लो होने के बाद नफिशा पानी में शवों और घरों के फर्नीचरों को तैरते देखकर डर गई थी।

जानकारी के अनुसार, गोप प्रखंड के दो और युवक अभी तक अपने घर नहीं पहुंचे हैं। दोनों युवक कुसुपुरु के आशीष साहू और बिसरपुर गांव के संजय बेहरा हैं।