Latest News उत्तर प्रदेश नयी दिल्ली राष्ट्रीय लखनऊ

सीएम योगी के इस दांव से तेज होगा राजनीतिक घमासान सपा-कांग्रेस को लग सकता है करारा झटका


मुरादाबाद : 13 अगस्त 1980 के दंगे की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद राजनीतिक घमासान तेज होने के आसार बन गए हैं। भाजपा जहां हिंदुओं के साथ पीड़ित मुस्लिमों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में जुटेगी। वहीं, दंगे के लिए जिम्मेदार ठहराए गए मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शमीम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए मुसीबत बन सकते हैं।

राहुल ने कुछ दिन पहले ही अमेरिका में मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताया था। मुस्लिम वोटबैंक के सहारे 2024 के चुनाव की वैतरणी पार करने में जुटीं सपा-बसपा और कांग्रेस को इन्हें एकजुट करने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है।

दंगे के 43 साल बाद आई रिपोर्ट

दंगे के 43 साल बाद जांच रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब 2024 के संसदीय चुनाव में कुछ ही समय बाकी है। इस वर्ष 12 मई को योगी सरकार के रिपोर्ट सार्वजनिक करने के निर्णय के बाद से ही राजनीतिक दलों में प्रतिक्रिया तेज हो गई थी। सपा सांसदों ने इस निर्णय के औचित्य पर ही सवाल उठा दिया था।

रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दंगा सांप्रदायिक न होकर मुस्लिम लीग के नेताओं ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए कराया था। अब तक सांप्रदायिक दंगे में शामिल होने का आरोप झेल रहे हिंदुओं को क्लीनचिट दे दी गई है।

सहानुभूति जुटा सकती है भाजपा

मुस्लिमों में एक पक्ष आरोपित और दूसरा पक्ष पीड़ितों का बन गया है। लिहाजा हिंदुओं और पीड़ित मुस्लिमों से भाजपा सहानुभूति जुटा सकती है। यहां उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद मंडल भाजपा के लिए चुनौती बना रहा है।

रामपुर में 2022 में हुए संसदीय चुनाव के उपचुनाव में भाजपा जीतने में सफल रही थी। वहां मुस्लिमों का समर्थन पाने के बाद पार्टी मंडल की अन्य सीटों पर भी इसे बरकरार रखना चाहती थी। ऐसे में दंगे की रिपोर्ट के सहारे भाजपा अपनी राह आसान करना चाहेगी।

 

दंगे के मुख्य आरोपित मुस्लिम लीग नेता हैं। इसी मुस्लिम लीग को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सेक्युलर बताने को भी भाजपा मुद्दा बना सकती है। इसे संसदीय चुनाव के अलावा कई राज्यों में होने वाले चुनावों में भी कैश कर सकती है।