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सीडीएस प्रमुख रावत बोले- निजी उद्योगों को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की दिशा में आगे आने की जरूरत


  • प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारतीय निजी उद्योग क्षेत्र को देश के सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा उत्पाद मुहैया कराने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा, ”शांति और संघर्ष, सभी क्षेत्रों में अभियान चलाने की हमारी क्षमता के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र महत्वपूर्ण बन गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इसके लिए नेतृत्व करता रहेगा। साथ ही देश तथा सशस्त्र बलों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी उद्योगों को सहभागिता के साथ आगे बढ़ना होगा।

जनरल बिपिन रावत ने कहा, ”सशस्त्र बल इस बात को लेकर विश्वसत हैं कि भारतीय उद्योग युद्ध जीतने की क्षमताओं के लिए उत्पाद और न्यू टेक्नोलॉजी के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करेंगे।’

बिपिन रावत इंडियन स्पेस एसोसिएशन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह अंतरिक्ष क्षेत्र के उद्योग जगत का एक संगठन है जिसमें भारती एयरटेल, लार्सन एंड टूब्रो, अग्निकुल, ध्रुव स्पेस तथा कावा स्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं। जनरल रावत ने कहा कि भारत में निजी उद्योगों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र के द्वार खोलना निश्चित रूप से ऐतिहासिक निर्णय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जून में निजी उद्योगों के लिए द्वार खोलकर एक इतिहास रचा है। अंतरिक्ष उद्योग का निजीकरण इस क्षेत्र को राष्ट्र निर्माण के अहम केंद्र के रूप में भविष्य की ओर बढ़ाएगा।

निजी उद्योगों को नई टेक्नोलॉजी अपनाने का है वक्त
उन्होंने कहा, ”अवधारणा है कि उच्च खोजपूर्ण अंतरिक्ष क्षेत्र, अनुसंधान और विकास गतिविधियां, नई प्रौद्योगिकियां, मानव अंतरिक्ष उड़ानें आदि इसरो के कार्यक्षेत्र में हैं, वहीं कई अंतरिक्ष उत्पादों के साथ-साथ तकनीकी नवाचारों को निजी उद्योग द्वारा अपनाया जाना एक ऐसा विचार है जिसका समय अंतत: आ गया है।” जनरल रावत ने कहा कि इस पहल से भारत को आने वाले वर्षों में नए वैश्विक अंतरिक्ष केंद्र के रूप में स्थापित करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी।