पटना

10 माह का अयांश एसएमए से ग्रसित, 16 करोड़ के इंजेक्शन से ही बचेगी जान


बच्चे के माता-पिता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री सहित आम लोगों से मदद की लगायी गुहार

पटना (आससे)। प्रत्येक मां-बाप के लिए उसका बच्चा सबकुछ होता है। उसके लिए वह हर जतन करता है जिससे कि बच्चा सुखी, स्वस्थ और खुशहाल रह सके। पर यदि बच्चे को किसी तरह की बीमारी हो जाये तो मां-बाप बेचैन हो जाता है। ऐसा ही राजधानी के एक दंपति के दस माह के बेटे के साथ हुआ। दंपति ने अपने बीमार पुत्र की जांच राजधानी के सभी बड़े चिकित्सक से करायी, बावजूद बच्चा ठीक नहीं हुआ।

कुछ चिकित्सकों की सलाह पर बैंगलूरू के नेशनल इंस्टियूट ऑफ मेन्टल हेल्थ एण्ड न्यूरोसाइंस (निम्हान्स) हॉस्पिटल के न्यूरो विभाग में दिखाया गया। यहां पर दंपति को एक विशेष किस्म की बीमारी का पता चला। जो लाखों बच्चों में एक में होता है। बच्चा स्पाइनल मशक्यूलर एट्रॉफी (एसएमए 1) से ग्रसित पाया गया। जिसके इलाज में करोड़ो रूपये खर्च होता है। क्रॉड फंडिंग के माध्यम से यह इलाज कराना आसान होगा। स्थानीय रूपसपुर के रहने वाले आलोक कुमार सिंह व नेहा सिंह का दस माह का अयांश दुर्लभ बीमारी एसएमए से ग्रसित है। अयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी एसएमए-१ एक दुर्लभ बीमारी  है। बच्चा के पिता आलोक सिंह ने बताया कि अयांश को ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज देश भर में नहीं है।

उन्होंने बताया कि पटना में कई चाइल्ड स्पेशिलिस्ट डॉक्टरों से दिखाया। लेकिन ठीक नहीं हुआ। पटना के डॉक्टरों के सलाह पर अयांश को बेगलुरु के निम्हांस हॉस्पिटल में इलाज कराने गया। जब डॉक्टर ने अयांश को इलाज किया तो वो स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी एसएमए१ बीमारी से ग्रसित है। जिसका इलाज बिहार तो छोडि़ए भारत में भी नहीं है। उन्होंने बताया कि निम्हांस हॉस्पिटल के न्यूरो विभाग के डॉ.सीना वेगालील बच्चे का इलाज कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी से शरीर का अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। इस तरह की बीमारी होने पर बच्चा मात्र दो साल तक ही जीवित रह पाता है। उन्होंने बताया कि समय गुजरने के साथ अयांश में भी इसतरह के लक्षण देखने को मिल रहा है। हर दिन पीछे की ओर जा रहा है। उसका सिर संभाल नहीं पा रहा है। उसके हाथ और पैर की शक्ति खत्म हो गयी है। उसे अब कुछ खाने में भी परेशानी हो रही है। वो दस माह को हो गया है। बच्चे का समय पर इलाज नहीं हुआ तो मामला गंभीर हो जायेगा।

इस तरह की बीमारी में करोड़ो रुपये खर्च होता है। एसएमए 1 के इलाज के लिए एक विशेष प्रकार का इंजेक्शन लगाया जाता है। जो केवल अमेरिका के पास ही है। जॉलगेज़मा नामक एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है। दंपति के पास इतने रुपये है नहीं कि बच्चे का इतना महंगा इलाज करा सके। लेकिन हमारे और आपके सहयोग से इतनी राशि जुटा पाना संभव है। सरकार व जनता कुछ राशि इनके लिए जमा कर सके तो बच्चे का समय पर इलाज हो सकेगा और उसकी जान भी बच जायेगी।

उन्होंने बताया कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक से मदद के गुहार लगा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांण्डेय से भी मदद की गुहार लगायी गयी है। बिहार के हर व्यक्ति से हाथ जोडक़र बेटे की जिंदगी के लिए भीख मांग रही है। गौरतलब है कि बीते दिनों मुम्बई के एक दंपति के पुत्र में भी ऐसी ही बीमारी पायी गयी थी। जिसे यही इंजेक्शन अमेरिका से मंगवाकर लगाया गया। लोगों के सहयोग तथा फंडिंग से बच्चे की जान बचायी जा सकी। आज बच्चा हंस खेल रहा है।

यहां मदद करें- अयांश को बचाना है। अयांश को इस बीमारी से मुक्ति दिलाना है। उनके माता-पिता को मदद की दरकार है। इसलिए, उनके पिता का कहना है कि सेंट्रल बैक ऑफ इंडिया में अयांश सिंह के नाम से खाता खुलवाया गया है। उसे बचाने के लिए इस खाते पर मदद की राशि भेज सकते है। नाम अयांश सिंह, खाता संख्या 5121176175, आईएफएससी कोड-सीबीआईएन0282384 है। बैंक का नाम सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया है।