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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ दिल्ली से चलाना चाहते हैं राजस्थान सरकार


जयपुर, । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं। इस बारे में उन्होंने अपने विश्वस्त मंत्रियों और नेताओं को संकेत दिए हैं। गहलोत ने अपने विश्वस्तों को संकेत दिए कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव तक वे अध्यक्ष एवं सीएम दोनों पद संभालते रहेंगे । इसके बाद सीएम पद छोड़ेंगे। गहलोत पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को किसी भी हालत में सीएम नहीं बनने देना चाहते हैं। इसके लिए उनके समर्थकों ने जयपुर से दिल्ली तक लाबिंग तेज कर दी है।

गहलोत के एक विश्वस्त कांग्रेस नेता ने कहा कि गहलोत किसी ऐसे विधायक को सीएम पद सौंपकर दिल्ली जाना चाहते हैं, जो उनके दिशा-निर्देशन में काम करें। वहीं पायलट खेमा लगातार आलाकमान पर दबाव बना रहा है। विधायक इंद्रराज गुर्जर ने कहा कि सरकार पायलट के कारण बनी थी, गहलोत के गृह संभाग जोधपुर में तो कांग्रेस हार गई थी। पायलट के कारण भाजपा का एक भी गुर्जर नेता चुनाव नहीं जीत सका था। अब पायलट को सीएम बनाने में देर नहीं करनी चाहिए। इस बीच अधिकारियों में सीएम बदलने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने पिछले एक सप्ताह से काम करना लगभग बंद कर दिया है।

अब आमने-सामने की लड़ाई शुरू हुई

अब तक गहलोत और पायलट समर्थक पर्दे के पीछे से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे थे। लेकिन पिछले दो सप्ताह से दोनों खेमे खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। दो दिन पहले पुष्कर में गहलोत के विश्वस्त उधोगमंत्री शकुंतला रावत व खेल मंत्री अशोक चांदना की सभा में जूते,चप्पल और खाली बोतल फेंकने वालों ने पायलट के समर्थन में नारेबाजी की। हालांकि पायलट खेमे का कहना है कि यह उन्हे बदनाम करने की साजिश है। यह हरकत उनके राजनीतिक विरोधियों ने सोची-समझी रणनीति के तहत करवाई है,जिससे सीएम पद का दावा कमजोर किया जा सके। इससे पहले सीएम खेमे की महिला एवं बाल विकास मंत्री की दौसा जिले में हुई सभा में हंगामा कर पायलट के समर्थन में नारे लगाए गए थे।

चांदना ने ट्वीट कर पायलट से लड़ाई का साफ संदेश दे देते हुए कहा,जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो एक ही बचेगा। मंगलवार को गहलोत की मौजूदगी में टोंक जिले के निवाई में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने पायलट पर निशाना साधते हुए कहा,जो बाहर से विधायक बनने यहां आते हैं। वे विकास कार्य नहीं करते हैं। उल्लेखनीय है कि पायलट टोंक से विधायक हैं। उधर रणनीति के तौर पर पायलट खेमा इन बयानों का जवाब नहीं दे रहा है।

ऐसे दिया संकेत

गहलोत दिल्ली जाकर विपक्ष को मजबूत करने पर जोर देंगे। पिछले सप्ताह राजगढ़ में गहलोत ने कहा था कि देश में फासीवाद बढ़ रहा है। ऐसे में विपक्ष को एकजुट करना आवश्यक है। इसके लिए आलाकमान उन्हे जो भी आदेश देगा वे उसे अनुशासित सिपाही की तरह मालेंगे । यह उनका अध्यक्ष बनने को लेकर संकेत माना जा रहा है। गहलोत ने पांच दिन में सात जिलों का दौरा किया है।