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2 जुलाई से पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र, अभिभाषण को पढ़ने से गवर्नर धनखड़ का इंकार


  • पश्चिम बंगाल विधानसभा में दो जुलाई से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर बयानबाजी तेज हो चुकी है. इस मसले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है और वजह राज्यपाल जगदीप धनखड़ का अभिभाषण है. तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार ने बजट सत्र के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण को तैयार करके राजभवन भेज दिया है. दूसरी तरफ राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बजट सत्र की शुरुआत के लिए उन्हें भेजे गए अभिभाषण को हूबहू पढ़ने से इंकार कर दिया है.

नियम के मुताबिक विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का अभिभाषण होती है. इस अभिभाषण को राज्य सरकार तैयार करती है. इसी अभिभाषण को राज्यपाल को पढ़ने के लिए दिया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण को तैयार किया जा चुका है. इसे ममता कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. अभिभाषण को राजभवन भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो अभिभाषण में टीएमसी के तीसरी बार सत्ता में आने और पश्चिम बंगाल में किए गए विकास कार्यों की जानकारी है. अब, इसकी सच्चाई कितनी है, यह 2 जुलाई को राज्यपाल जगदीप धनखड़ के विधानसभा में अभिभाषण के बाद पता चलेगा.

बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर तकरार भी बढ़ने की खबर आई है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अभिभाषण को हूबहू पढ़ने से इंकार कर दिया है. इसको लेकर राजभवन और सीएम हाउस में तल्खी बढ़ गई है. सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भ्रष्टाचारी कह दिया था. इसके जवाब में राज्यपाल ने सोमवार की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुद पर लगाए गए सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. राज्यपाल धनखड़ ने कहा था कि उन पर राजनीति की भावना से प्रेरित होकर सारे आरोप लगाए जा रहे हैं.