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257 सीटों पर चुनाव: भाजपा या कांग्रेस, किसका हुआ फायदा; किसका नुकसान?


नई दिल्ली, : गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए। भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा में रिकार्ड सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी, वहीं हिमाचल प्रदेश में परंपरा कायम रही। यहां कांग्रेस ने सत्ता में फिर वापसी की है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की एक संसदीय और दो विधानसभा सीटों के साथ ही बिहार, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़ की एक-एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। कुल मिलाकर 257 सीटों पर चुनाव हुआ था। 

चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें

  1. गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अभी तक का अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। पार्टी ने 182 सीटों में से रिकार्ड 156 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह किसी भी पार्टी का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। पिछली बार भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी लगातार सातवीं बार राज्य की सत्ता पर काबिज हुई है।
  2. कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के इतिहास में अब तक अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है। पार्टी को इस बार सिर्फ 17 सीटें मिली हैं। पिछली बार कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस का इससे पहले सबसे खराब प्रदर्शन 20 सीटों का था।
  3. गुजरात विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए खुशखबरी लेकर आई। यहां पांच सीटें और करीब 13 फीसद वोट हासिल कर वह अब राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका। हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं।
  4. भाजपा गुजरात में 1995 के बाद से कभी नहीं हारी है। उसने अपने 27 साल के शासन में सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं किया है। इसके पहले माकपा ही ऐसी पार्टी है, जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं। एक साल पहले मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर (सोमवार) को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे।
  5. गुजरात में कांग्रेस को निराशा मिली तो हिमाचल प्रदेश से उसके लिए खुशखबरी भी आई। पार्टी ने यहां 40 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है। यहां हर पांच साल में सत्ता बदलने की परंपरा बरकरार रही। भाजपा को सिर्फ 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। हिमाचल में मिली जीत का श्रेय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को दिया।
  6. उत्तर प्रदेश की मैनपुरी संसदीय सीट के साथ ही खतौली और रामपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ, जिसमें मैनपुरी से डिंपल यादव ने ढाई लाख से अधिक मतों से भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य को हराया। वहीं, खतौली से सपा-रालोद गठंबंधन के उम्मीदवार मदन भैया और रामपुर से भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना जीतने में कामयाब रहे।
  7. बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता की जीत हुई। यहां से जनता दल यूनाइटेड ने मनोज कुमार सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। राजद विधायक अनिल कुमार सहानी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ।
  8. राजस्थान की सरदारशहर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार को जीत मिली । उन्होंने भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार को हराया। उपचुनाव कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन के चलते हुआ है।
  9. ओडिशा की पद्मपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजू जनता दल उम्मीदवार बरशा सिंह बारिगा ने जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा के प्रदीप पुरोहित को हराया।
  10. छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मांडवी को जीत हासिल हुई। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद को शिकस्त दी। कांग्रेस विधायक और डिप्टी स्पीकर मनोज सिंह मांडवी के निधन से यह सीट खाली हुई थी।

भाजपा को 183 विधानसभा सीटों पर मिली जीत

उपचुनाव की बात करें तो भाजपा को यूपी की रामपुर और बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई। वहीं, कांग्रेस ने राजस्थान की सरदारशहर और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। इसके अलावा, यूपी की खतौली विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन और ओडिशा  की पद्मपुर विधानसभा सीट से बीजद उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। कुल मिलाकर 257 सीटों में से भाजपा को 183 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई।