Post Views: 671 विष्णुगुप्त अभी हमारे बीच राष्ट्र गौरवका अद्भुत क्षण उपस्थित हुआ। हालांकि गौरवके क्षणपर देशमें विस्तृत चर्चा नहीं हुई। राजनीति खामोश रही। आम जनताको उस गौरवसे जुड़ी खबरसे वचिंत रखा गया। जबकि इसपर विस्तृत चर्चा अपेक्षित थी। राजनीतिमें इस खबरपर खामोशी गंभीर चिंताका विषय है। देशमें छोटे-छोटे नकरात्मक विषयोंपर भी, जिससे न तो […]
Post Views: 917 सरकार और किसानोंके बीच कई दौरकी वार्ताके बाद भी गतिरोध कायम है। सरकारने किसानोंकी कई मांगोंको स्वीकार भी कर लिया है फिर भी किसान आन्दोलन समाप्त नहीं कर रहे। लग रहा कि यह किसान अन्यत्रसे संचालित हो रहे हैं। क्योंकि सरकारने कई मुद्दोंपर लिखित आश्वासन भी दिया है। उम्मीद थी कि किसान […]
Post Views: 602 हृदयनारायण दीक्षित प्रतीक्षा अस्तित्वपर विश्वास है। वर्तमान परिस्थितिसे प्राय: सभी पीडि़त-व्यथित रहते हैं। अच्छे दिन आनेकी पुलक होती है। प्रकृति जड़ नहीं है। प्रकृतिका प्रत्येक अंश गतिशील है। यह गतिशीलता ऋजु- सीधा मार्ग नहीं अपनाती। यह चक्रीय है। पूर्वजोंने संभवत: इसीलिए कालगतिके प्रतीकको चक्र कहा है। इस चक्रीय गतिका अंत एवं प्रारम्भ […]