पटना

गोपालगंज: एक-एक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेंगे पदाधिकारी, अपने बच्चों के जन्म दिवस या सालगिरह केंद्रों पर ही मनाएंगे: डीएम


  • डीएम ने की जिला स्तरीय अभिसरण कार्य योजना की बैठक
  • बच्चों में नाटापन को दूर करने का निर्देश
  • महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम के लिए करें कार्य

गोपालगंज। जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस और जिला प्रशासन प्रयासरत है। इसको लेकर समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ तमाम गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है। जिले में पोषण पखवाड़ा भी चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में जिला सभा कक्ष में आईसीडीएस से संबंधित जिला अभिसरण कार्य योजना की बैठक की गई। जिसमें जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी के द्वारा एक नई पहल की शुरुआत करते हुए यह निर्देश दिया गया के सभी पदाधिकारी एक-एक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेंगे और उसका समुचित विकास करना सुनिश्चित करेंगे।

इसके साथ ही डीएम ने निर्देश दिया कि संबधित पदाधिकारी अपने बच्चों के जन्म दिवस या शादी का सालगिरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाएंगे। इससे समाज में सकारात्मकता प्रसार होगा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुरोध पर डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर नल जल योजना के तहत नल की व्यवस्था तथा एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी को प्राधिकृत किया। बैठक में डीएम ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के उपलब्धियों की समीक्षा की तथा शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया।

बच्चों में बौनापन, कम वजन और एनीमिया की रोकथाम के लिए करें प्रयास:

बैठक में जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने निर्देश दिया कि पोषण से संबंधित सभी संबंधित विभागों के आपसी सहयोग से जिले में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में नाटापन, कम वजन एवं जन्म के समय कम वजन के प्रतिशतता में प्रतिवर्ष 2% की कमी लाने तथा महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम के लिए प्रयास किए जाने का निर्देश दिया। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, आईसीडीएस के डीपीओ, निदेशक डीआरडीए, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाये:

डीएम ने बताया कि पोषण अभियान 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण को दूर करने, एनीमिया से बच्चों को बचाने के लिए लक्षित रहता है। उन्होंने बच्चों के कुपोषण दर में प्रति वर्ष दो प्रतिशत की कमी और किशोरी तथा महिलाओं में एनीमिया की दर में प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की कमी लाने का निदेश सभी संबंधित पदाधिकारी को दिया। डीएम ने बताया कि पोषण अभियान का विषय पोषण से व्यवहार परिवर्तन पर केन्द्रित होकर कार्य करने की जरूरत है।