सम्पादकीय

अहंकारका विसर्जन


ओशो

वनके हर क्षेत्रमें सत्यके सामने ठहरना मुश्किल है और झूठके सामने झुकना सरल। ऐसी उलटबांसी क्यों है। उलटबांसी जरा भी नहीं है, सिर्फ विचारमें जरा-सी चूक हो गयी है, इसलिए ऐसा दिख रहा है। चूक बहुत छोटी है, शायद एकदमसे दिखाई न पड़े। सत्यके सामने झुकना पड़ता है, झूठके सामने झुकना ही नहीं पड़ता, झूठ तुम्हारे सामने झुकता है और इसीलिए झूठसे दोस्ती आसान है और सत्यसे दोस्ती कठिन है, क्योंकि सत्यके सामने तुम्हें झुकना पड़ता है। अंधा अंधेरेसे दोस्ती कर सकता है, क्योंकि अंधेरा आंखें चाहिए ऐसी मांग नहीं करता, लेकिन अंधा प्रकाशसे दोस्ती नहीं कर सकता है, क्योंकि प्रकाशसे दोस्तीके लिए पहले तो आंखें चाहिए। अंधा अमावसकी रातके साथ तो तल्लीन हो सकता है, परन्तु पूर्णिमाकी रातके साथ बेचैन हो जायगा। पूर्णिमाकी रात उसे उसके अंधेपनकी याद दिलायगी। अमावसकी रात अंधेपनको भुलायगी, याद नहीं दिलायगी। तुम कहते हो, जीवनके हर आयाममें सत्यके सामने झुकना मुश्किल है। यह सच है क्योंकि सत्यके सामने झुकनेका अर्थ होता है अहंकारको विसर्जित करना, लेकिन दूसरी बात सच नहीं है जो तुम कहते हो कि झूठके सामने झुकना सरल क्यों है। झूठके सामने झुकना ही नहीं पड़ता, झूठ तो बहुत जी हजूर है। झूठ तो सदा तुम्हारे सामने झुका है, पैरोंमें बैठा है। झूठ गुलाम है। झूठके साथ दोस्ती आसान क्योंकि झूठ तुम्हें रूपांतरित करनेकी बात ही नहीं करता। झूठ कहता है कि तुम श्रेष्ठ तुम हो, प्रशंसाके पुल बांधता है। झूठ बड़ी सांत्वना देता है और कितने-कितने झूठ हमने गढ़े हैं। इतने झूठ कि यदि तुम खोजने चलो तो घबरा जाओगे। सत्य तो एक है, झूठ अनंत हैं। जैसे स्वास्थ्य एक है और बीमारियां अनेक हैं, ऐसे ही सत्य एक है और सत्य तुम्हें फुसलायगा नहीं, तुम्हारी खुशामद नहीं करेगा। सत्य तो कड़वा मालूम पड़ेगा, क्योंकि तुम झूठकी मिठासके आदी हो गये हो। झूठ तो अपने ऊपर शक्कर चढ़ाकर आयगा। सत्य सर्वथा नग्न! जो लोग झूठके आदी हो गये हैं, वह सत्यसे तो आंखें चुरायंगे, सत्य मनको जमेगा ही नहीं। सत्य बहुत तिक्त और कड़वा मालूम होगा। झूठ अहंकारको पुष्ट करता है। इसलिए झूठको स्वीकार कर लेना आसान है, आसान क्या सुखद है, प्रीतिकर है। सत्यको स्वीकार करनेके लिए साहस ही नहीं, दुस्साहस चाहिए, जोखिम उठानेकी हिम्मत चाहिए इसलिए सत्यके सामने कोई झुकता नहीं। झुकना पड़ेगा! कोई नहीं झुकना चाहता। सत्यके सामने झुकनेको जो राजी है, वही धार्मिक व्यक्ति है। मैं उसीको संन्यासी कहता हूं।