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- 1,525 परीक्षा केंद्रों पर बैठेंगे 16 लाख 84 हजार परीक्षार्थी
- हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस की तैनाती
- एग्जाम शुरू होने के 10 मिनट पहले तक प्रवेश
- हर सेंटर के दो सौ गज की परिधि में धारा-144
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में 1,525 परीक्षा केंद्रों पर बुधवार से 16 लाख 84 हजार 466 परीक्षार्थियों की मैट्रिक की परीक्षा शुरू होगी। परीक्षार्थियों को इस बार दो बड़ी राहत मिली है। यह कि इस बार ठंड के मद्देनजर परीक्षार्थी जूता-मोजा पहन कर परीक्षा दे सकेंगे। उससे बड़ी राहत यह कि ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दोनों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प होंगे। परीक्षा दो पाली में होगी। परीक्षा 24 फरवरी तक चलेगी।
परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म भरने वाले 16 लाख 84 हजार 466 परीक्षार्थियों में आठ लाख 37 हजार 803 छात्राएं और आठ लाख 46 हजार 466 छात्र हैं। आपको बता दूं कि मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म भरे हुए विद्यार्थियों में लगभग आधे विद्यार्थी पहली पाली में एवं आधे दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल होते हैं तथा सम्पूर्ण परीक्षा के दौरान उसी पाली में परीक्षा देते हैं। इस बार पहली पाली की परीक्षा में आठ लाख 46 हजार 969 परीक्षार्थी बैठेंगे, जिनमें चार लाख 22 हजार 661 छात्राएं एवं चार लाख 24 हजार 308 छात्र होंगे। दूसरी पाली की परीक्षा में आठ लाख 37 हजार 497 परीक्षार्थी बैठेंगे, जिनमें चार लाख 15 हजार 142 छात्राएं एवं चार लाख 22 हजार 355 छात्र होंगे।
स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन की तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था ऐसी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। परीक्षा अवधि में प्रत्येक परीक्षा केंद्र के दो सौ गज की परिधि में धारा-144 लागू रहेगी। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं। पुलिस के सशस्त्र जवानों की भी तैनाती की गयी है। परीक्षा केंद्रों में सीसीटवी कैमरे लगाये गये हैं।
मोबाइल फोन सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर बैन लगाये गये हैं। ‘बीएसईबी एग्जाम 2021’ नाम से एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया है, जिससे सभी जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पदाधिकारी जुड़े हैं। ऐसा सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान एवं उसके निराकरण के लिए किया गया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में कंट्रोल रूम खोला गया है, जो काम करने लगा है। यह 24 फरवरी तक काम करेगा।
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर हर परीक्षार्थी की दो-दो बार तलाशी होगी। पहली तलाशी परीक्षा केंद्र के गेट पर प्रवेश के समय होगी एवं दूसरी तलाशी परीक्षा कक्ष में बैठने पर। परीक्षा में 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक रहेंगे। हर वीक्षक को अपने हिस्से के 25 परीक्षार्थियों की तलाशी के बाद यह घोषणा पत्र देने होगा कि किसी भी परीक्षार्थी के पास कोई आपत्तिजनक सामान नहीं है। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक प्रवेश मिलेगा।
यदि किसी परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र में तस्वीर की त्रुटि रह गयी हो, तो वे परीक्षा केंद्र पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या फोटोयुक्त बैंक पासबुक में से कोई एक साथ लेकर जायेंगे। इस आधार पर वे परीक्षा में शामिल किये जायेंगे। यदि किसी विद्यार्थी का एडमिट कार्ड घर पर छूट गया हो या गुम हो गया हो, तो उपस्थिति पत्रक में स्कैंड फोटो से पहचान कर और रौल शीट से सत्यापित कर परीक्षा में बैठने की औपबंधिक अनुमति दी जायेगी। परीक्षा केंद्र में कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, ईयरफोन सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लाने पर पाबंदी होगी। दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रति घंटा 20 मिनट अतिरिक्त क्षतिपूरक समय मिलेंगे। हर जिले में चार आदर्श परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं।
यहां पटना जिले में 74 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। पटना जिले से परीक्षा में शामिल होने के लिए 73 हजार 30 विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरे गये हैं, जिनमें 38 हजार 145 छात्राएं एवं 34 हजार 885 छात्र हैं। जिले में पहली पाली की परीक्षा में 37 हजार 335 परीक्षार्थी बैठेंगे, जिनमें 19 हजार 396 छात्राएं एवं 34 हजार 885 छात्र होंगे। जिले में दूसरी पाली की परीक्षा में 35 हजार 695 परीक्षार्थी बैठेंगे, जिनमें 18 हजार 749 छात्राएं एवं 16 हजार 946 छात्र होंगे।
गड़बड़ी करनेवाले जायेंगे जेल
मैट्रिक की परीक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करने वाले जेल जायेंगे। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि बुधवार से शुरू हो रही मैट्रिक की परीक्षा के आयोजन में पूरी कड़ाई बरती जाय और असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाय।
श्री आनन्द किशोर ने अपने निर्देश में कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता बरकरार रखने के लिए यह आवश्यक है कि परीक्षा के संचालन के क्रम में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो और यदि कोई व्यक्ति इसमें कोई बाधा उत्पन्न करता है, तो उसे अविलम्ब गिरफ्तार कर जेल भेजा जाय।
जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर स्वयं भ्रमणशील रहने एवं अपने अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को भी परीक्षा केंद्रों पर भ्रमणशील रहने का निर्देश देने को कहा गया है।
निर्देश में कहा गया है कि परीक्षा के आयोजन के क्रम में कड़ाई से कोई समझौता नहीं किया जाय। यदि किसी परीक्षा केंद्र पर परीक्षा कार्य में संलग्न कर्मी द्वारा कोई अवांछित कार्य किया जाता है, तो उनके विरुद्ध भी नियम संगत काररवाई की जाय। परीक्षा संचालन के क्रम में परीक्षा केंद्र स्तर पर किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही नहीं बरती जाय।
राज्य के सभी परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय यथा जोनल, सब जोनल एवं सुपर जोनल मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गयी है। परीक्षा केंद्रों पर्याप्त संख्या में पुलिस बल एवं पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है।