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Bhima Koregaon Case: बॉम्बे HC ने सुधा भारद्वाज की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का दिया निर्देश,


  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी वकील और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की नई मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. सुधा भारद्वाज अभी बाइकुला महिला जेल में बंद हैं. भारद्वाज की बेटी मायशा सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी मां के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए, उन्हें अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था. याचिका में कहा गया था कि भारद्वाज को पहले से कई बीमारियों हैं और इससे उनके कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है.

वकील युग चौधरी ने जस्टिस केके ताटेड और जस्टिस अभय आहूजा की बेंच से कहा कि भारद्वाज को गंभीर बीमारियां हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग हैं और उन्हें पहले टीबी भी हो चुका है. चौधरी ने कहा कि भारद्वाज को एक ऐसे वार्ड में रखा गया है, जिसमें अन्य 50 महिलाएं बहुत ही कठिन परिस्थितियों में रह रही हैं और वहां उन सभी के लिए केवल तीन शौचालय हैं. चौधरी ने कोर्ट में दावा किया, ”भारद्वाज जिस वार्ड में बंद हैं, वास्तव में वह एक खतरनाक जगह है.”

राज्य सरकार के वकील जयेश यागनिक ने बेंच को बताया कि भारद्वाज को गुरुवार शाम मुंबई के जेजे अस्पताल में जांच के लिए ले जाया जाना है. दो बार पहले भी भारद्वाज की कोविड-19 जांच की गई है, जिसमें उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई थी. कोर्ट ने यागनिक को भारद्वाज की मेडिकल रिपोर्ट 17 मई को बेंच के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया.

जेल वॉर्डन ने फोन पर बात करने से मना किया- वकील

वकील युग चौधरी ने यह भी दावा किया कि उन्होंने और सुधा भारद्वाज के परिवार ने बाइकुला जेल में पिछले कुछ दिनों में करीब 18 बार फोन किया, लेकिन जेल वॉर्डन ने फोन पर बात करने से मना कर दिया. चौधरी ने आरोप लगाया, ”उन्होंने हमसे बात नहीं की, लेकिन वह पत्रकारों से बात कर रहे हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा है कि भारद्वाज कहानियां गढ़ रही हैं और अपने स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोल रही हैं.”