रमेश सर्राफ धमोरा घरेलू गैस सिलेंडरके दामोंमें वृद्धि करना आम आदमीके लिए बहुत ही दुखदाई होगा। देशमें पेट्रोल और डीजल एक सौ रुपयेसे अधिक प्रति लीटरकी दरपर बिक रहे हैं। ऐसेमें रसोई गैसकी कीमत बढ़ाना बहुत बरा फैसला है। पिछले चौदह महीनोंसे लोगोंको घरेलू गैस सिलेंडरकी सब्सिडी मिलना भी बंद है। पेट्रोलियम पदार्थोंके दामोंमें वृद्धिके […]
सम्पादकीय
सामाजिक कमजोरीको दर्शाता धर्मान्तरण
राघवेन्द्र सिंह भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्टï्र है। यहां हर धर्मको माननेवालेको पूरी छूट है कि वह अपने धर्मके अनुसार अपनी जीवन पद्धति सुनिश्चित करे हमारा संविधान हर व्यक्तिको उसकी रुचि एवं आस्थाके अनुसार ईश्वर चयनकी स्वतन्त्रता भी देता है। इसीके अनुसार उसे दूसरी स्वतन्त्रताओंकी तरह बाकायदा संविधानप्रदत्त धार्मिक अधिकार भी प्राप्त हैं। फिर क्यों देशमें […]
ध्यान
बाबा हरदेव एक मिसालके पीछे केवल एक ही भाव है कि गुरुका ध्यान किया हुआ कर्म ही प्रधान हो जाता है। कई बार इनसान सोच लेता है कि आज भले मेला देखो, वहां हाजिरी तो लग ही जायगी। दिमाग जो सोचता है उसमें बनावट हुआ करती है। वास्तवमें भक्ति दिमागका विषय नहीं, बल्कि हृदयका विषय […]
अप्रासंगिक सियासत
भारतके साथ ५९ हजार करोड़ रुपयेके राफेल विमान सौदेकी फ्रांसमें न्यायिक जांच शुरू किये जानेका औचित्य है अथवा नहीं है, यह एक अलग विषय है लेकिन इसे लेकर भारतमें सियासत और राजनीतिक दलोंके बीच आरोप-प्रत्यारोप तथा वाकयुद्धका निश्चित रूपसे कोई औचित्य नहीं है। साथ ही इस सियासतकी प्रासंगिकता भी नहीं है। फ्रांसमें उसकी न्यायिक जांचकी […]
मुआवजेका सुप्रीम आदेश
डा. श्रीनाथ सहाय कोरोना महामारीका दंश झेल रहे लोगोंके लिए सुप्रीम कोर्टका ताजा आदेश राहतभरी खबर लाया है। सुप्रीम अदालतने केंद्र सरकारको पिछले दिनों आदेश दिया है कि वैश्विक महामारी कोरोनासे जिसकी मौत हुई है, उसके परिजनोंको मुआवजा दिया जाय। केंद्र सरकारने कहा कि सरकारी संसाधनोंकी एक सीमा होती है। केंद्रने यह भी कहा है […]
स्वास्थ्यपर ध्यान देनेकी जरूरत
संजय देशमें ज्यादातर लोग कोरोना महामारीके संक्रमणके चलते बीमार हो रहे हैं और यह बात सिर्फ ठंडमें होनेवाले सर्दी-जुकाम जैसी नहीं है। कोरोना महामारीको लेकर भारतमें हालत भयावह बन गये हैं। अमेरिकाकी जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले दिनों जारी आंकड़ोंके अनुसार पूरी दुनियामें इस वायरस संक्रमणके कुल मामले बढ़कर १६४२५४०२३ हो गये हैं और अबतक […]
नाभिकीय पर्यावरणका विध्वंसकारी परिणाम
आनन्दशंकर मिश्र वैश्विक महामारीकी चपेटमें आनेवाले देश-दुनिया अब यह महसूस कर रहे हैं कि मौजूदा महामारी आपसी प्रतिद्वंदिताका ही परिणाम है। एक-दूसरेको पछाडऩेकी होड़में एटमी, रसायनिक, जैविक हथियारोंके निर्माण, अनुसन्धान एवं परीक्षण एवं उपयोगसे उपजे विध्वंसकारी परिणाम आज समूची पृथ्वीके लिए जानलेवा साबित हो रही है। इसके पीछे पूरी तरहसे नाभिकीय पर्यावरणको ही दोषी माना […]
मानवीय मूल्य
श्रीश्री रविशंकर आध्यात्मिकता और राजनीति दोनोंका ही मानवता एवं मानवके साथ गहरा संबंध है। राजनीतिका उद्देश्य सुशासन और भौतिक एवं भावानात्मक सुविधाओंको जनतातक पहुंचाना है। वहीं आध्यात्मिकताका लक्ष्य नैतिकता एवं मानवीय मूल्योंको बढ़ाना है। किसी भी देशकी समृद्धि एवं विकासके लिए राजनीति एवं आध्यात्मिकताका एक साथ चलना अति आवश्यक है। सुशासन एवं अच्छे प्रजातंत्रके लिए […]
चीनको कड़ा सन्देश
पूर्वी लद्दाखमें भारत-चीनके बीच लम्बे समयसे जारी गतिरोधपर कड़ा रुख अपनाते हुए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावतने दो-टूक कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बहाल नहीं हुई तो भारत कड़ा कदम उठा सकता है। जनरल रावतका पूर्वी लद्दाखमें सेनाको किसी भी दुस्साहसके लिए हर समय तैयार रहनेका निर्देश चीनको कड़ा […]
बिटकाइनपर नये प्रतिबंध जरूरी
डा. भरत झुनझुनवाला किसी समय इंग्लैंडमें एक अमीर थे रॉत्सचाइल्ड। इनकी कई देशोंमें व्यापारकी शाखाएं थी। यदि किसी व्यक्तिको एक देशसे दूसरे देश रकम पहुंचानी होती थी तो वह ट्रांसफर रॉत्सचाइल्डके माध्यमसे सुरक्षापूर्वक हो जाता था। जैसे मान लीजिए आपको दिल्लीसे मुम्बई रकम पहुंचानी है। आपने रॉत्सचाइल्डके दिल्ली दफ्तरमें एक लाख चांदीके सिक्के जमा करा […]