सम्पादकीय

महामृत्युंजय मंत्र

सदानन्द शास्त्री महामृत्युंजय मंत्रको लंबी उम्र और अच्छी सेहतका मंत्र कहते हैं। शास्त्रोंमें इसे महामंत्र कहा गया है। इस मंत्रके जपसे व्यक्ति निरोगी रहता है। महामृत्युंजय मंत्रकी उत्पत्तिके बारेमें पौराणिक कथा प्रचलित है। कथाके अनुसार, शिव भक्त ऋषि मृकण्डुने संतानप्राप्तिके लिए भगवान शिवकी कठोर तपस्या की। तपस्यासे प्रसन्न होकर भगवान शिवने ऋषि मृकण्डुको इच्छानुसार संतान […]

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वायुसेना परिसरमें विस्फोट

जम्मूमें भारतीय वायुसेना स्टेशन परिसरके तकनीकी क्षेत्रमें रविवारको भोरमें कम तीव्रताके दो धमाकोंसे यद्यपि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन यह गम्भीर चिन्ताका विषय होनेके साथ ही वहांकी सुरक्षा व्यवस्थापर भी बड़ा प्रश्न है। इन धमाकोंसे स्टेशन भवनको मामूली क्षति पहुंची है। दूसरा विस्फोट खुले क्षेत्रमें हुआ, जहां किसी भी उपकरणको नुकसान नहीं पहुंचा। किसी […]

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महान विभूति राष्ट्ररत्न शिवप्रसाद गुप्त

सुमन द्विवेदी     राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति राष्ट्ररत्न शिवप्रसादजीके जीवनके हर तन्तुमें विद्यमान रही है। समाज और राष्ट्रकी सेवा आपका व्रत रहा है। आपने पराधीनताके बन्धनको तोडऩेके लिए जो संघर्ष किया और जितना कष्टï झेला, उसकी मिसाल मिलना कठिन है। जीवनके घनघोर संकटके समय भी आप सत्य, न्याय और देशप्रेमकी भावनासे विचलित नहीं हुए। एक ओर जहां […]

सम्पादकीय

रूस और अमेरिकामें बढ़ती मित्रता

डा. गौरीशंकर राजहंस अमेरिका और रूस दोनों महाशक्तियां एक-दूसरेके मुकाबले काफी ताकतवर थीं और लगता भी नहीं था कि एक-दूूसरेकी ताकतमें कभी कोई कमी पड़ेगी। परन्तु ७० का दशक आते-आते रूस कमजोर पड़ता गया और पड़ोसके जिन देशोंपर उसने नियंत्रण कर रखा था वह देश धीरे-धीरे रूससे किनारा कर आजाद होते गये। आर्थिक दृष्टिसे भी […]

सम्पादकीय

ईश्वरीय वरदान

श्रीराम शर्मा सरसता हृदयका शृंगार, ईश्वरका वरदान है। सहृदय मानवको ईश्वरीय गुणों से लबालब होते देखा गया है। सरस बनिएए सरसताका अभिप्राय कोमलता, मधुरता, आद्रता है। सहृदय व्यक्तिपर दु:खकातर होता है। दूसरोंके दु:खोंको बंटानेमें वह ईश्वरीय आनन्दका अनुभव करता है, जिनके हृदय नीरस हैं, वह स्वयं और परिवारको ही नहीं अपने संपर्कमें आनेवाले हर प्राणीको […]

सम्पादकीय

सिर्फ सहमति पर्याप्त नहीं

पूर्वी लद्दाखके गलवानमें भारतीय-चीनी सैनिकोंके बीच हुई हिंसक झड़पके बाद पटरीसे उतरी वार्ता फिरसे शुरू होनेके संकेत स्वागतयोग्य है। दोनों देशोंने पूर्वी लद्दाखमें शान्ति बनाये रखनेपर सहमति जतायी है। दोनों सेनाओंके बीच अबतक ११ दौरकी सैन्य स्तरकी वार्ता हो चुकी है, जिसमें दोनों देशोंकी सेनाओंको पीछे हटने समेत कई मुद्दोंपर सहमति बनी थी लेकिन चीनकी […]

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चीनमें मानव अधिकारोंका उल्लंघन

डा. भरत झुनझुनवाला  हांगकांगमें लोकतंत्रकी हत्या, ऊईघुर मुसलमानोंपर अत्याचार एवं हांगकांगके मीडिया मुजल जैक माको हिरासतमें लिये जानेको लेकर चीनकी भत्र्सना की जा रही है। कहा जा रहा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानूनोंके उल्लंघनमें अपनी जनताके मानवाधिकारोंका हनन कर रहा है। इस संदर्भमें १९४८ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणापत्रकी धाराओंपर पुनर्विचार करना चाहिए। […]

सम्पादकीय

दार्शनिक अनुभूतियोंके निष्कर्ष

हृदयनारायण दीक्षित     मनोनुकूल वक्तव्य प्रिय लगते हैं। हम सब वरिष्ठोंके वक्तव्य सुनते हैं। वक्ता कभी-कभी हमारे मनकी बात भी कहते हैं। वक्ता मूलत: अपने मनकी बात करते हैं लेकिन उसके मनकी बात हमारे मनसे मिलती है। हम प्रसन्न होते हैं। हम मनोनुकूल वक्तव्य सुनकर ही वक्तासे प्रभावित होते हैं। दूसरेसे प्रभावित होनेका मुख्य कारण हमारा […]

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दो राष्टï्रपतियोंकी मुलाकातके निहितार्थ

आर.डी. सत्येन्द्र कुमार महाशक्तियोंके बीचके सम्बन्ध अन्तर्विरोधसे भरपूर होते हैं। अभी वह सहयोग दर्शाता है तो कुछ ही समय बाद वह संघर्षकी मौजूदगीकी तस्वीर पेश करता है। कुल मिलाकर उनके सम्बन्ध अस्थिरता प्रदर्शित करते हैं। बाइडेनके नेतृत्वमें अमेरिका एवं पुतिनके नेतृत्वमें रूस एक अरसेसे इसी अस्थिर स्थितिको प्रदर्शित करते रहे हैं। एक दौर था जब […]

सम्पादकीय

समाधि

जग्गी वासुदेव समाधि किसे कहते हैं। समाधि शब्दको ज्यादातर गलत समझा गया है। लोग समाधिको मौत जैसी कोई परिस्थिति मान लेते हैं। समाधि शब्द दो शब्दोंसे मिलकर बना है ‘समÓ और ‘धीÓ। ‘समÓ का मतलब है एक जैसा होना और ‘धीÓ का मतलब बुद्धि है। यदि आप बुद्धिके एक समान स्तरपर पहुंच जायं, जहां आप […]