सम्पादकीय

रक्षा सौदोंमें भ्रष्टाचार

विजयनारायण       फ्रांसकी एक अदालतमें राफेल विमान सौदेसे सम्बन्धित भ्रष्टïाचारके खुलासेके बाद मुकदमा दर्ज हो गया है। ज्ञातव्य है कि यह सौदा फ्रांसकी विमान निर्माता कम्पनी दसाल्टने भारतके साथ किया था। यद्यपि दसाल्ट एक निजी कम्पनी है किन्तु इस सौदेमें फ्रांसकी सरकारकी भी अहम भूमिका रही है। फ्रांसकी सरकारके राजीनामेके बाद ही यह सौदा सम्पन्न हो […]

सम्पादकीय

लापरवाही बढ़ा रहा तीसरी लहरका डर

सुरेश गांधी जूनके अंततक कोरोनासे लगभग चार लाख लोगोंकी मौत हो चुकी है। संक्रमितोंकी संख्या ३० लाखसे ऊपर है। पड़ोसी देशोंकी तुलनामें हमारी स्थिति अधिक खराब है। आंकड़े इस बातके गवाह हैं कि दूसरी लहर भारतके लिए बेहद घातक साबित हुई है। पिछले सालके शुरूसे कोरोना वायरसने लगभग समूची दुनियाको प्रभावित किया है। यह आज […]

सम्पादकीय

ईश्वरका अस्तित्व

श्रीराम शर्मा ईश्वरका प्यार केवल उसीको मिलेगा, जो दीपककी तरह जलकर प्रकाश उत्पन्न करनेको तैयार है, प्रभुकी ज्योतिका अवतरण उसीपर होगा। ईश्वरका अस्तित्व विवादका नहीं, अनुभवका विषय है। जो उस अस्तित्वका जितना अधिक अनुभव करेगा, उतना ही प्रकाशपूर्ण उसका जीवन होता जायगा। मनुष्य शरीर परमात्माकी अनुपम और अद्वितीय-अद्भुत कलाकृति है। इस कलाकृतिकी संरचनाका अध्ययन किया […]

सम्पादकीय

भुखमरीका दंश

दुनियाभरमें भुखमरीके कारण हर एक मिनटमें ११ लोगोंकी मौत हतप्रभ करनेवाली है। भुखमरीसे मरनेवाले लोगोंकी संख्या कोविड-१९ के चलते जान गंवानेवालोंकी संख्याको पीछे छोड़ दिया है। गरीबी उन्मूलनके लिए काम करनेवाले संघटन ‘आक्सफैमÓ की रिपोर्ट हैरान करनेवाली है। रिपोर्टके अनुसार पिछले एक वर्षमें पूरी दुनियामें अकाल जैसे हालातका सामना करनेवाले लोगोंकी संख्या छह गुना बढ़ी […]

सम्पादकीय

सोशल मीडियापर नियन्त्रण जरूरी

डा. भरत झुनझुनवाला       गत सप्ताह मंत्रिमंडलमें हुए फेरबदलमें सूचना प्रौद्योगिकीमंत्री रविशंकर प्रसादने इस्तीफा दे दिया है। इस इस्तीफेके पीछे दो संभावनाएं हैं। एक संभावना है कि श्री रविशंकर प्रसादने ट्विटर एवं अन्य दूसरी सोशल मीडिया कंपनियोंपर प्रधान मंत्रीकी इच्छासे इतर अधिक सख्ती की जिसके फलस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनी द्वारा देश एवं प्रधान मंत्री स्वयंकी […]

सम्पादकीय

जनसंख्या वृद्धिसे बढ़ती मुश्किलें

हृदयनारायण दीक्षित भौतिक संसाधन सीमित हैं। जनसंख्या वृद्धि असीमित। लोगोंके आवासके लिए भी भविष्यमें जगह कम पड़ सकती है। अजेय और समृद्ध भारत सबकी अभिलाषा है। इस कार्यमें भारी जनसंख्या वृद्धि बड़ी बाधा है।          जनसंख्या वृद्धिके चलते नगरोंकी सीमा बढ़ रही है। सरकारें अस्पताल बनाती हैं, चिकित्सक नियुक्त करती हैं। न्यायपालिका न्यायालय केन्द्र बनाती है। […]

सम्पादकीय

भारतमें बढ़ती आबादीसे खतरा

योगेश कुमार गोयल पूरी दुनियाकी आबादी इस समय करीब ७.६ अरब है, जिसमें सबसे ज्यादा चीनकी आबादी १.४३ अरब है जबकि भारत आबादीके मामलेमें १.३४ अरब जनसंख्याके साथ विश्वमें दूसरे स्थानपर है। विश्वकी कुल आबादीमेंसे १७.८५ फीसदी लोग भारतमें रहते हैं और दुनियाके हर छह नागरिकोंमेंसे एक भारतीय हैं। यदि भारतमें जनसंख्याकी सघनताका स्वरूप देखें […]

सम्पादकीय

गुरुका ध्यान

बाबा हरदेव गुरुका ध्यान करके किया हुआ कर्म ही प्रधान हो जाता है। कई बार इनसान चालाकी भी कर जाता है, सोच लेता है कि आज भले मेला देखो, वहां हाजिरी तो लग ही जायगी। यह दिमागकी चालाकी है दिमागी खोज है। दिमाग जो सोचता है, उसमें बनावट हुआ करती है। वास्तवमें भक्ति दिमागका विषय […]

सम्पादकीय

कोरोनाके लिए पैकेज

कोरोनाकी तीसरी लहरका सामना करनेके लिए बहुआयामी तैयारियोंके बीच अपने मंत्रालयका दायित्व सम्भालनेके साथ नये केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मांडवियाने मंत्रिमण्डलकी महत्वपूर्ण बैठकमें भाग लेनेके उपरान्त कहा कि इसके निमित्त २३,१२३ करोड़के नये पैकेजकी स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसमें १५ हजार करोड़ रुपये केन्द्र और आठ हजार करोड़ रुपये राज्य आवण्टित करेंगे। इस पैकेजको अगले […]

सम्पादकीय

मंत्रिमण्डल विस्तारके मायन

नीरज कुमार दुबेे    मंत्रिमंडलके विस्तार और फेरबदल करके प्रधानमंत्री मोदीने कुछ बड़े संदेश दिये हैं। पहला, व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा हो उसके कार्य प्रदर्शनकी गुणवत्तासे कतई समझौता नहीं किया जायेगा। दूसरा, किसी खास मंत्रालयका मंत्री यदि जनताकी अपेक्षाओंपर खरा नहीं उतरता तो उसके खिलाफ उपजी नाराजगीका असर पूरी सरकारपर नहीं पडऩे दिया जायेगा। तीसरा, […]