आनन्द शुक्ल भारतका राजनीतिक इतिहास चाचा-भतीजे, पिता-पुत्र, ससुर-दामाद और यहांतक कि सास-बहूके बीच सियासी विरासतको लेकर आपसी संघर्षोंकी घटनाओंसे भरा पड़ा है। राजनीतिक वारिसको लेकर वर्चस्वकी लड़ाईके कारण अबतक कई परिवार बिखर गये। पूर्व केन्द्रीयमंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवानकी लोक जनशक्ति पार्टीमें चाचा-भतीजेके बीच वर्चस्वको लेकर छिड़ी जंग उदाहरणके रूपमें सामने है। लोजपाके सांसद एवं स्व.पासवानके […]
सम्पादकीय
रिश्ते
जयति लोगोंके मनमें एक धारणा घर कर गयी है कि परिवारमें किसीका आध्यात्मिक रुझान रिश्तोंके मार्गमें बाधक है। हालांकि आध्यात्मिक मार्ग इस बातकी मांग नहीं करता कि आप अपने रिश्तोंको छोड़ दीजिए लेकिन रिश्ते अक्सर यह मांग करते हैं कि आप आध्यात्मिक राह छोड़ दीजिए। दुर्भाग्यसे बहुत सारे लोग रिश्तोंका ख्याल करके अपने आध्यात्मिक पथका […]
डूबे धनकी आंशिक वापसी
बड़े घोटालेमें डूबे धनकी वापसी बैंकों और देशके लिए अवश्य सुखद है लेकिन इन घोटालोंको अंजाम देनेवाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियोंकी स्वदेश वापसी भी बहुत जरूरी है। प्रवर्तन निदेशालयने इन तीनों भगोड़े अपराधियोंकी जब्त सम्पत्तियोंमेंसे ९०,४१५ करोड़ रुपये सम्बन्धित बैंकोंको हस्तान्तरित करा दिया है। यह सम्बन्धित बैंकोंकी डूबी […]
अर्थव्यवस्थामें गिरावटका परिदृश्य
डा. जयंतीलाल भंडारीï चालू वित्त वर्षमें अर्थव्यवस्थामें गिरावटके बाद तीव्र गतिसे वृद्धि मुश्किल होगी, जैसा कि पिछली बार राष्ट्रीय स्तरपर लाकडाउन हटनेके बाद देखा गया था। इसका कारण इस बार उपभोक्ता धारण कमजोर बनी हुई है क्योंकि लोग पिछले सालके मुकाबले महामारीकी दूसरी लहरके असरको देखकर काफी चिंतित हैं। गौरतलब है कि अभी जहां कोरोना […]
प्रादेशिक स्तरपर गुटबाजीपर अंकुश
रमेश सर्राफ धमोरा पिछले सात वर्षोंसे केंद्रमें भाजपा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीके नेतृत्वमें सरकार चला रही है। वहीं देशके आधेसे अधिक प्रदेशोंमें भाजपा एवं उनके गठबंधनके साथी दलोंकी मिली-जुली सरकारें चल रही हैं। पहली बार भाजपाने देशमें राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपतिका चुनाव भी अपने बलपर जीता था। भाजपा लगातार पूरे देशमें मजबूत होती जा रही है। […]
संवैधानिक अधिकारोंका हनन
रविकान्त त्रिपाठी कोरोनाकी महामारीने पूरी दुनियाको झकझोरा है जिन देशोंमें स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर थीं वहां भी हाहाकार मचा और जहां स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर थीं वहां तो हाहाकार मचना स्वाभाविक था। दूसरी लहरने भारतमें ज्यादा तबाही मचायी लेकिन बेहतरीन प्रबंधनके कारण अनियंत्रित होती दिख रही महामारी जल्दी ही पटरीपर आ गयी और आबादीके हिसाबसे तबाहीका मंजर […]
प्रसन्नता
श्रीराम शर्मा आपको गरीबीने घेर रखा है, पैसेका अभाव रहता है, आपकी आवश्यकताएं धनाभावमें पूरी नहीं होतीं। आप दुखी रहते हैं, परन्तु हम पूछते हैं कि क्या दुखी रहनेसे आपकी दरिद्रता दूर हो जायगी। यदि आप समझते हैं कि हां हो जायगी तो आप भूल करते हैं। आप कम पढ़े हैं, विद्या पास नहीं है, […]
सीमापर पूरी तैयारी
भारतीय सेनाकी क्षमता और दक्षता जहां भारतके लिए गर्वका विषय है वहीं चीनके लिए यह परेशानीका सबब है। गलवान घाटीमें भारतीय सेनाका शौर्य और पराक्रम इसका दृष्टïान्त है। इससे चीन सैनिकोंके छक्के छूट गये। इस परिप्रेक्ष्यमें चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावतका एक महत्वपूर्ण बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि चीनको […]
आत्मसंयमसे महामारीपर नियंत्रण
आशीष वशिष्ठï यह सच है कि कोरोनाकी दूसरी लहरका कहर थमता दिख रहा है। कोरोनाके नये मरीजोंका आंकड़ा लगातार नीचेकी ओर जा रहा है। वहीं टीकाकरण भी युद्ध स्तरपर जारी है। लेकिन तस्वीरका दूसरा पहलू यह है कि प्रतिबंधोंसे आजादी मिलते ही सार्वजनिक स्थलोंसे लेकर आम जीवनमें संयम और सर्तकता बिल्कुल गायब हो गयी है। […]
लोकतांत्रिक देशमें दलबदलकी राजनीति
ऋतुपर्ण दवे इसमें कोई दो मत नहीं कि दुनियाका सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है जहां लोक यानी जनता अपने भरोसेमंदों नुमाइंदे बनाकर जन उत्तरदायी व्यवस्थाओंकी संचालित प्रणालियोंकी अगुवाई और सुधारकी गुंजाइशोंकी जिम्मेदारी देती है। लोकतंत्रके यह पहरु, आम चुनावोंके जरिये चुने जाकर देश-प्रदेशकी सरकारोंसे लेकर गांवकी पंचायतोंतकमें पक्ष-विपक्षमें बैठकर आमजनके हितके कानून और सुख, […]