सम्पादकीय

इसराइलमें परिवर्तित सत्तासे भारतीय सम्बन्ध

आर.के. सिन्हा इसरायलमें सत्तामें परिवर्तन तो हो गया है। वहांपर प्रधान मंत्री पदको नफ्ताली बेनेतने संभाल लिया है। परन्तु इससे भारत-इसराइलके संबंधोंपर किसी तरहका असर नहीं होगा। दोनों देशोंके रिश्ते चट्टानसे भी ज्यादा मजबूत है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने मित्र देशके नये प्रधान मंत्रीको बधाई देते हुए कहा कि अगले वर्ष हमारे राजनयिक रिश्तोंको ३० […]

सम्पादकीय

सत्संगका प्रभाव

बाबा हरदेव साधसंगत, कामधेनु हुआ करती है, यह अपना फल दिये जाती है। लेकिन जरूरत होती है निमाणा बनने की। जैसे एक सज्जन थे। उन्होंने किसीको पानी भरनेके लिए नलपर भेजा। काफी इन्तजार की गयी तो वह बहुत व्याकुल हो उठे और सोचने लगे, देरी क्यों हो गयी। नल तो थोड़ी दूरपर है। क्या बात […]

सम्पादकीय

राहतके साथ चुनौती भी

देशमें कोरोना वायरसकी दूसरी लहर काफी सुस्त हो गयी है। नये माामलोंमें लगातार गिरावटके साथ ही सक्रिय मामलोंकी संख्या भी घट रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयने शुक्रवारको जो आंकड़ा जारी किया है उसके अनुसार पिछले २४ घण्टोंमें कोरोनाके ६२,४८० नये मामले दर्ज किये गये और १५८७ मरीजोंकी मृत्यु हुई। मृत्युके आंकड़ोंमें भी कमी आयी है। […]

सम्पादकीय

 तीसरी लहरकी आशंकाओंका सच

शशांक द्विवेदी        कोरोना वायरसकी तीसरी लहर बच्चोंके लिए खतरनाक साबित होगी या नहीं इसको लेकर अभीतक स्थिति पूरी तरहसे साफ नहीं हुई है। इस संबंधमें चिकित्सा विज्ञान क्षेत्रकी प्रतिष्ठित पत्रिका लैनसेटकी एक रिपोर्ट सामने आयी है। रिपोर्टमें कहा गया है कि इस बातके अबतक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं, जिसके आधारपर यह कहा जा […]

सम्पादकीय

चीनकी जनसंख्या नीतिमें बदलाव

अवधेश कुमार          जनसंख्या नियंत्रण कानूनकी मांग करनेवाले ज्यादातर लोगोंका तर्क था कि चीनकी एक बच्चेकी नीतिकी तर्जपर हमारे यहां भी कानून बने। इन लोगोंको वर्तमान नीति जारी करते समय चीन द्वारा दिये गये अपने जनगणनाके आंकड़ोंके साथ नीति बदलनेके लिए बताये गये कारणोंपर अवश्य गौर करना चाहिए। हालांकि जो लोग चीन और संपूर्ण दुनियामें जनसंख्याको […]

सम्पादकीय

क्वाडसे भयभीत चीन

संजय राय कोरोना महामारीके बाद बदले हालातमें चीनने दुनियाकी महाशक्ति बननेके अपने सपनेको परवान चढ़ानेके प्रयास तेज कर दिये हैं। इस प्रयासमें वह भारत और पड़ोसी देशोंके साथ अमेरिकाको धौंस-पट्टी दिखा रहा है। इन दिनों चीन भारत-अमेरिका-जापान और ऑस्ट्रेलियाके बीच बने चतर्भुज सुरक्षा वार्ता समूह (क्वाड) को लेकर बयानबाजी और चेतावनी देनेमें जुटा हुआ है। […]

सम्पादकीय

आन्तरिक संरचना

ओशो अपनी आंखें बंद कर लो और अपनी रीढ़को आंखोंके सामने लाओ। रीढ़को एकदम सीधा, उन्नत रखो। इसे देखो, इसका निरीक्षण करो और इसके बीचोंबीच एक तंतुको देखो, कमलके तंतु जैसा नाजुक, तुम्हारी रीढ़के खंभेमेंसे गुजर रहा है। रीढ़में बीचोंबीच एक रुपहला धागा है, एक अत्यंत नाजुक मज्जा तंतु। यह शारीरिक तंतु नहीं है। यदि […]

सम्पादकीय

बहुप्रतीक्षित सुधार

केन्द्र सरकारने रक्षा उत्पादनके क्षेत्रमें आमूल सुधार और बदलते परिदृश्यको ध्यानमें रखते हुए बड़ा कदम उठाया है, जो लम्बे समयसे प्रतीक्षित था। आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) की उत्पादकताको बढ़ाने और इसे लाभकारी बनानेके उद्देश्यसे ४१ फैक्टरियोंको ओएफबीकी सात सरकारी कम्पनियोंके अधीन किया जायगा जिससे कि इसकी विशेषज्ञतामें वृद्धि हो सके और यह ज्यादा  प्रतिस्पर्धी बन […]

सम्पादकीय

भारत विरोधी दुष्प्रचारोंका जवाब

अवधेश कुमार       जब कोरोना प्रकोप चरमपर था तो विदेशी मीडियामें भारत विरोधी दुष्प्रचार सहनशीलताकी सीमा पार कर गया। टाइम पत्रिकाने लिखा कि पहली बार भारतमें पाया गया कोरोना वायरसके बी १.६१७ वैरीएंटसे विश्वभरको खतरा पैदा हो गया है। यह ४४ देशोंमें पाया जा चुका है। ब्रिटेनके चीफ मेडिकल ऑफिसर क्रिस ह्विïटीका बयान था कि भारतमें […]

सम्पादकीय

चिन्ताका सबब बनता लवजिहाद

योगेश कुमार सिंह        शिकायत नहीं तो एफआईआर नहीं, एफआईआर नहीं तो केस नहीं और केस नहीं तो आंकड़ा नहीं। जिन लोगोंको यह लग रहा कि शासन-प्रशासनकी सख्तीके बाद लव-जिहादमें कोई कमी आयी है तो वह आंख और कान खोलकर सुन एवं समझ लें कि अब पहलेसे ज्यादा संख्यामें लव-जिहाद चल रहा है। पहले यह खुलेआम […]