डा. अजय खेमरिया राम मानवताकी सबसे बड़ी निधि है। वह संसारमें अद्वितीय प्रेरणापुंज है। वह शाश्वत धरोहर है मानवीय सभ्यता, संस्कृति और लोकजीवनके। राम जीवनके ऐसे आदर्श हैं जो हर युगमें सामयिकताके ज्वलन्त सूर्यकी तरह प्रदीप्त है। मर्यादाशील, संयम, त्याग, लोकतंत्र, राजनय, सामरिक शास्त्र, वैश्विक जबाबदेही, सामाजिक लोकाचार, परिवार प्रबोधन, आदर्श राज्य और राजनीतिसे लेकर […]
सम्पादकीय
विस्मयका बोध
श्रीश्री रविशंकर जब हम जागरूक होते हैं तब सारी सृष्टि चमत्कारोंसे भरी पड़ी है। यह समग्र सृष्टि विस्मित होनेके लिए आश्चर्यचकित होनेके लिए है। वह एक ही चेतना है जो दीयेके रूपमें जलती है और जो प्राण वायु लेती है। विस्मय आध्यात्मिक उद्ïघाटनका आधार है। यह कितना अद्भुत है कि सृष्टि सर्वत्र आश्चर्यजनक वस्तुओंसे भरी […]
देशमें विदेशी बैंकोंकी दयनीय स्थिति
प्रमुख अमेरिकी बैंक सिटी बैंकका भारतमें अपना कारोबार समेटनेका फैसला कुछ गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। आखिरकार क्यों विदेशी बैंकोंके भारतमें पैर उखड़ रहे हैं। इनके लिए भारत क्यों कठिन काम करनेका स्थान साबित हो रहा है कारोबार करनेके लिहाजसे। सिटी बैंकने कहा कि ग्लोबल स्ट्रैटजीके हिस्सेके रूपमें वह भारतमें अपना कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस […]
स्वास्थ्य सेवाको सुदृढ़ करना होगा
दिल्लीमें तेरह हजार बेडकी सुविधा है और पर्याप्त वेंटिलेटर भी मौजूद हैं जिससे लोगोंको घबरानेकी जरूरत नहीं है। जैनने स्वास्थ्य सुविधाओंको लेकर अन्य तमाम बातें भी कहीं लेकिन सवाल यही है कि राजधानी कि इतनी बिगडती स्थितिमें मंत्री किस आधारपर अपनी प्रशंसा कर रहे हैं। दिल्लीके सभी सरकारी अस्पतालोंमें हाल इतना खराब है कि कोरोनासे […]
कोरोनासे सम्पूर्ण जीवन प्रभावित
कोरोनाकी भयावहता खत्म होनी चाहिए, परन्तु हममेंसे कोई यह सोचनेको शायद ही तैयार है कि क्या यह सब कोरोना संकटको दूर करनेका कारण बन सकते ह। विश्व एवं भारतमें जिस तरह कोरोना बार-बार धमक रहा है उससे जीवनका एक-एक पहलू दुष्प्रभावित है। केवल राजनीति नहीं, व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक। संपूर्ण जीवन पहलू […]
संक्रमणकी तेज दर
कोरोना संक्रमणकी दरमें तेज वृद्धि अत्यन्त चिन्ताजनक है। संक्रमण बेकाबू होनेसे उसकी दर भी बढ़ रही है। देशमें संक्रमण दर १२ दिनोंमें ही दोगुनी होकर १६.६९ प्रतिशत हो गयी जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर पिछले एक माहमें १३.५४ प्रतिशततक पहुंच चुकी है। देशके दस राज्यों, महाराष्टï्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु और […]
कोरोनासे सम्पूर्ण जीवन प्रभावित
अवधेश कुमार कोरोनाकी भयावहता खत्म होनी चाहिए, परन्तु हममेंसे कोई यह सोचनेको शायद ही तैयार है कि क्या यह सब कोरोना संकटको दूर करनेका कारण बन सकते ह। विश्व एवं भारतमें जिस तरह कोरोना बार-बार धमक रहा है उससे जीवनका एक-एक पहलू दुष्प्रभावित है। केवल राजनीति नहीं, व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक। संपूर्ण […]
स्वास्थ्य सेवाको सुदृढ़ करना होगा
योगेश कुमार सोनी दिल्लीमें तेरह हजार बेडकी सुविधा है और पर्याप्त वेंटिलेटर भी मौजूद हैं जिससे लोगोंको घबरानेकी जरूरत नहीं है। जैनने स्वास्थ्य सुविधाओंको लेकर अन्य तमाम बातें भी कहीं लेकिन सवाल यही है कि राजधानी कि इतनी बिगडती स्थितिमें मंत्री किस आधारपर अपनी प्रशंसा कर रहे हैं। दिल्लीके सभी सरकारी अस्पतालोंमें हाल इतना खराब […]
देशमें विदेशी बैंकोंकी दयनीय स्थिति
आर.के. सिन्हा प्रमुख अमेरिकी बैंक सिटी बैंकका भारतमें अपना कारोबार समेटनेका फैसला कुछ गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। आखिरकार क्यों विदेशी बैंकोंके भारतमें पैर उखड़ रहे हैं। इनके लिए भारत क्यों कठिन काम करनेका स्थान साबित हो रहा है कारोबार करनेके लिहाजसे। सिटी बैंकने कहा कि ग्लोबल स्ट्रैटजीके हिस्सेके रूपमें वह भारतमें अपना कंज्यूमर […]
समयका नियोजन
श्रीराम शर्मा समय हमारे साथ हर पल रहता है। इस समयको भूल जाते हैं, लेकिन समय हमें नहीं भूलता। निश्चित समयपर समय हमारा साथ छोड़कर चला जाता है, यही समयका अंत है। समयका प्रारंभ होता है हमारे जीवनसे और अंत होता है हमारी मृत्युके रूपमें। बीचका समय हमें जीवन जीनेके लिए मिला है, जिसका हम […]