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CM स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में NEET से स्थायी छूट की मांग वाला बिल किया पेश,


  1. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सोमवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) से स्थायी छूट की मांग की गई है. राज्य सरकार का यह फैसला तमिलनाडु के सलेम जिले में एक 20 साल के छात्र की मौत के बाद आया है, जिसने NEET के एग्जाम से कुछ घंटे पहले ही रविवार को आत्महत्या कर ली थी. अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने सोमवार को विधानसभा से वॉकआउट कर दिया. विपक्षी नेता पलानीस्वामी ने कहा कि उन्हें छात्र की आत्महत्या पर चर्चा करने का मौका नहीं दिया गया.

तमिलनाडु के पूर्व सीएम और AIADMK नेता के. पलानीस्वामी ने कहा, ‘NEET परीक्षा के आयोजन को लेकर छात्र और उनके माता-पिता पूरी तरह से भ्रमित थे. नीट पर DMK सरकार का कोई स्पष्ट रुख नहीं है. कल एक छात्र दानुष ने आत्महत्या कर ली थी. डीएमके ही इसके लिए जिम्मेदार है.’ उन्होंने कहा, ‘छात्रों ने नीट एग्जाम के लिए अच्छी तैयारी नहीं की थी, क्योंकि DMK-सरकार ने कहा था कि NEET को खत्म कर दिया जाएगा. हमने इसी के विरोध में वॉकआउट करने का फैसला किया. हालांकि हम NEET पर लाए गए इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे.’

एग्जाम पास न कर पाने के डर से छात्र ने की आत्महत्या

तमिलनाडु के सालेम में NEET एग्जाम देने से पहले ही एक छात्र ने रविवार को सुसाइड कर लिया था. 19 वर्षीय छात्र घर में मृत पाया गया था. पुलिस अधिकारियों ने शक जताया कि एग्जाम पास न कर पाने के डर से छात्र ने आत्महत्या की है, क्योंकि वो ये एग्जाम तीसरी बार देने वाला था. इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के बीच घमासान शुरू हो गया है. छात्र की मौत के लिए अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने द्रमुक (DMK) शासन को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि स्टालिन ने इस मामले पर अड़ियल रवैये के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र नीट से छात्रों को होने वाली भारी परेशानियों को नहीं समझती है और इसकी ‘लापरवाही’ और ‘जिद्द’ ही छात्रों की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है.