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Delhi : उपभोक्ता फोरम में नौ हजार से अधिक मामले लंबित,


नई दिल्ली, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (डीसीडीआरएफ) में खाली पदों और मामलों की सुनवाई में बरती जा रही अनियमितता का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ता फोरम में अंतिम जिरह पूरी होने के बाद भी सुनवाई नहीं होने के कारण विभिन्न उपभोक्ता फोरम में नौ हजार से अधिक लंबित मामलों के तेजी से निस्तारण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम दिशानिर्देश जारी किए हैं। लंबित मामलों को लेकर दायर याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि जिला फोरम में विभिन्न श्रेणियों के लिए कुल 24 पद खाली हैं।

तीन साल की अवधि पूरी होने से पहले फोरम में तैनात कर्मचारियों का तबादला नहीं

ऐसे में इन पदों को आदर्श आचार संहिता हटने के बाद चार सप्ताह की अवधि के भीतर भरा जाए। अदालत ने कहा कि अंग्रेजी अच्छी तरह से जानने वाले आशुलिपिक को दो सप्ताह के अंदर मंचों के साथ ही राज्य आयोग में तैनात किया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि तीन साल की अवधि पूरी होने से पहले राज्य और जिला फोरम में तैनात कर्मचारियों का तबादला न किया जाए। याचिकाकर्ता योगेश समेत अन्य ने याचिका में कहा कि मामले में अंतिम जिरह पूरी होने के बाद भी फोरम की ओर से निस्तारण नहीं किया गया।

अनियमितता के कारण इसका निपटारे में देरी

दो दशक से लंबित हैं मामले: अदालत में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जिला उपभोक्ता फोरम में बड़े पैमाने पर लंबित मामलों में से कुछ मामले वर्ष 2003 के भी हैं। इन मामलों में अधिवक्ताओं ने समय-समय पर अपना पक्ष पेश किया है, लेकिन उपभोक्ता मंचों पर सुनवाई करने में अनियमितता के कारण इसका निपटारा नहीं किया जा सका।

दोपहर 12 और 1 बजे के बाद उपभोक्ता मंचों पर सुनवाई ही नहीं होती

दोपहर बाद नहीं होती सुनवाई रिपोर्ट में कहा गया कि उपभोक्ता मंचों पर इतने पुराने मामलों के लंबित होने से यह बात स्पष्ट है कि सूची में ही मामलों को स्थगित कर दिया जाता है और अगली तारीख दे दी जाती है। ज्यादातर दिनों में दोपहर 12 और 1 बजे के बाद उपभोक्ता मंचों पर सुनवाई ही नहीं होती है। इन मंचों पर अब भौतिक सुनवाई भी नहीं की जाती है।

लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए जारी किया दिशानिर्देश सुनवाई के लंबित मामलों की बड़ी संख्या को देखते हुए मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए अदालत ने दिशानिर्देश दिया।अदालत ने कहा कि विशेष रूप से ऐसे मामले जिसमें निष्कर्ष निकाला जा चुका है, उनका निपटारा इस प्रकार किया जाए।

  • संबंधित जिला फोरम के रजिस्ट्रार दैनिक आधार पर दोपहर 2:30 बजे से सुनवाई करेंगे।
  • इन मामलों को कालानुक्रमिक तरीके से सूचीबद्ध किया जाएगा। सबसे पुराने मामलों से सुनवाई शुरू होगी।
  • वाद सूची का अग्रिम प्रकाशन किया जाएगा, ताकि वकीलों और वादियों को विधिवत सूचित किया जा सके।
  • मासिक रिपोर्ट से संबंधित रजिस्ट्रार, जिला मंचों की ओर से अंतिम मामलों के निपटान की स्थिति के योग्य महापंजीयक को प्रस्तुत की जाएगी।