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DRDO ने 2-डीजी दवा की तकनीक देने के लिए ईओआई किए आमंत्रित


  • कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा कंपनी को हस्तांतरित करने के लिए रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित की है. ईओआई दस्तावेज के अनुसार, आवेदन ईमेल के जरिए 17 जून से पहले भेजे जाने चाहिए.

कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा कंपनी को हस्तांतरित करने के लिए रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित की है. 2-डीजी दवा डीआरडीओ की प्रयोगशाला, नाभिकीय औषधि एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की है. क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों में देखा गया कि यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से बीमारी से उबरने और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद करती है.

ईओआई दस्तावेज के अनुसार, आवेदन ईमेल के जरिए 17 जून से पहले भेजे जाने चाहिए. इसमें कहा गया है, ”कंपनियों द्वारा दी जाने वाली ईओआई की एक तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) जांच करेगी. केवल 15 कंपनियों को ही उनकी क्षमताओं और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टीओटी दिया जाएगा.” बोली लगाने वाली कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंसिंग एथॉरिटीज से एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) से दवा बनाने का लाइसेंस होना चाहिए.

डीआरडीओ ने डाक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार की दवा

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बीच डीआरडीओ ने एक बड़ी राहत की खबर दी थी. डीआरडीओ ने एंटी-कोविड दवाई बनाने का दावा किया था. डीआरडीओ का दावा है कि ग्लूकोज़ पर आधारित इस दवाई के सेवन से कोरोना से ग्रस्त मरीजों को ऑक्सजीन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा और जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे. डीआरडीओ ने एंटी-कोविड मेडिसन ‘2-डिओक्सी-डी-ग्लूकोज़’ (2डीजी) को डाक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार किया है और क्लीनिकल-ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवाई को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है.