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Global Millets Conference में PM Modi बोले, भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा श्री अन्न


नई दिल्ली, : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन करने शनिवार को पूसा पहुंचे। यहां उन्होंने IARI कैंपस में लगे विभिन्न स्टॉल का ऑडियो विजुअल भी देखा। इसके बाद पीएम मोदी ने डाक टिकट और इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर 2023 के आधिकारिक सिक्के का भी अनावरण करने के बाद जनसभा को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री के साथ इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मनसुख मांडविया और पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने किया मार्गदर्शन

कृृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आज मिलेट्स का शुभारंभ उत्सव है। मिलेट्स विषय को लेकर जब भी कोई सवाल आया तो पीएम मोदी ने बहुत ही उत्साह से हम सब लोगों का मार्गदर्शन किया और उसी के परिणामस्वरूप ये कार्यक्रम ऊंचाई पर पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर घोषित करने के परिणामस्वरूप श्री अन्न की घरेलू और वैश्विक मांग में वृद्धि हुई है।

”मोटे अनाज को फ्री अन्न की पहचान दी गई है”

पीएम मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोटे अनाज को फ्री अन्न की पहचान दी गई है। यह केवल खेती खाने तक सीमित नहीं है। जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं, वे यह भी जानते हैं कि किसी के आगे ‘श्री’ ऐसे ही नहीं जुड़ता है, जहां ‘श्री’ होती है, वहां ‘समृद्धि’ भी होती है, ‘समग्रता’ भी होती है।

पीएम मोदी ने समझाया ‘श्री अन्न’ का मतलब

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इसमें गांव भी जुड़ा है, गरीब भी जुड़ा है। श्री अन्न यानी यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार, श्री अन्न यानी देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार, श्री अन्न यानी देश के आदिवासी समाज का सत्कार, श्री अन्न यानी कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार, श्री अन्न यानी केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार, श्री अन्न यानी क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार।

 

”भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक है ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस”

पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे गर्व है कि भारत ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर’ का नेतृत्व कर रहा है। ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस जैसे आयोजन न केवल ग्लोबल गुड के लिए जरूरी हैं, बल्कि ग्लोबल गुड्स के लिए भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं।” उन्होंने कहा कि मोटे अनाज से ढाई करोड़ किसान जुड़े हुए हैं।”

”मोटे अनाज से बीमारियों को रोकने में मिलती है मदद”

प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्न अनाजों की अपेक्षा मोटे अनाज जल्दी तैयार हो जाते हैं। ये पोषक भी होते हैं। सेहत के लिए भी ये फायदेमंद हैं। इनसे बीमारियों को रोकने में भी मदद मिलती है। मिलेट्स के क्षेत्र में काम करने के लिए हमारे सामने अनंत संभावनाएं मौजूद हैं।

”हम अपनी विरासत से प्रेरणा लेते हैं”

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में बाजरा मुख्य रूप से 12-13 राज्यों में उगाया जाता है। हालांकि, इन राज्यों में प्रति व्यक्ति घरेलू खपत 2-3 किलोग्राम प्रति माह से अधिक नहीं थी। उन्होंने कहा कि चाहे LIFE मिशन की अगुवाई हो, Climate Change से जुड़े लक्ष्यों को समय से पहले हासिल करना हो, हम अपनी विरासत से प्रेरणा लेते हैं, समाज में बदलाव को शुरू करते हैं और उसे विश्व कल्याण की भावना तक लेकर जाते हैं। यही आज भारत के ‘मिलेट मूवमेंट’ में भी दिख रहा है।

”मिलेट्स से लोगों को मिल रहा रोजगार”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 19 जिलों में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के लिए भी मोटे अनाज का चयन किया गया है। भारत वर्तमान में G20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसका आदर्श वाक्य ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ भी अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर में परिलक्षित होता है। मिलेट्स से नए रोजगार भी पैदा हो रहे हैं।

”हमारे लिए बड़े सम्मान की बात”

इससे पहले, पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ घोषित किया। भारत के 75 लाख से ज्यादा किसान आज इस समारोह में वर्चुअली हमारे साथ मौजूद हैं, जो इसके महत्व को दर्शाता है।