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LIC के IPO की तैयारियां तेज, चुकता पूंजी बढ़कर 6,324 करोड़ रुपये हुई


नई दिल्‍ली, । IPO आने से पहले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की चुकता पूंजी 31 दिसंबर, 2021 तक 6,324.99 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने इसकी जानकारी दी है। राज्यसभा में कराड ने कहा कि केंद्र सरकार ने एलआईसी (LIC) द्वारा किए गए एक आवेदन पर अपनी चुकता पूंजी बढ़ाने के लिए अपने मुक्त भंडार के उपयोग की अनुमति दी।

उन्होंने कहा कि एलआईसी की चुकता पूंजी 31 दिसंबर 2021 तक बढ़कर 6,324.99 करोड़ रुपये हो गई. एलआईसी ने 2018-19 के मुनाफे में से भारत सरकार को 2019-20 में 2,610.75 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया था।

वित्त वर्ष 2020-21 में कोई लाभांश का भुगतान नहीं किया गया था क्योंकि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने 24 अप्रैल, 2020 के अपने परिपत्र के माध्यम से बीमा कंपनियों को 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष से संबंधित लाभ से लाभांश भुगतान से बचने का निर्देश दिया था।

बता दें कि आईपीओ से पहले कंपनी के निदेशक मंडल में छह स्वतंत्र निदेशकों को शामिल किया गया है। कामकाज के संचालन (कॉरपोरेट गवर्नेंस) से संबंधित नियामकीय नियमों को पूरा करने को कंपनी ने यह कदम उठाया है। सूत्रों ने बताया कि एलआईसी ने पूर्व वित्तीय सेवा सचिव अंजुली छिब दुग्गल, सेबी के पूर्व सदस्य जी महालिंगम और एसबीआई लाइफ के पूर्व प्रबंध निदेशक संजीव नौटियाल को निदेशक मंडल में शामिल किया है।

इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट विजय कुमार, राजकमल और वी एस पार्थसारथी को एलआईसी के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल किया गया है। इन नियुक्तियों के साथ एलआईसी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या नौ हो गई और सारी रिक्तियां भर गई हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ दस्तावेज (डीआरएचपी) जमा करने से पहले कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों को पूरा करना जरूरी है। केंद्र सरकार एलआईसी के बड़े आईपीओ के लिए इसी सप्ताह दस्तावेज जमा करा सकती है। एलआईसी का अंतनिर्हित मूल्य निकाला जा चुका है और यह 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। डीआरएचपी में निर्गम के आकार का उल्लेख होगा।