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Meghalaya Assembly : वीपीपी ने जारी किया घोषणा पत्र, असम के साथ सीमा समझौते की समीक्षा का वादा


शिलांग, । मेघालय की नई राजनीतिक पार्टी द वॉयस ऑफ द पीपल (वीपीपी) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र में वीपीपी ने कहा कि पार्टी असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा समझौता ज्ञापन की समीक्षा करेगी। वीपीपी ने ये भी दावा किया कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देगी। बता दें कि वीपीपी पार्टी का गठन पूर्व विधायक आर्देंट बसैयावमोइत ने किया था। वीपीपी 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में 18 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होने वाले हैं।

भ्रष्टाचार जड़ से खत्म करने का वादा

बसैयावमोइत ने सोमवार को पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, “सत्‍ता में आने के बाद हमारी पार्टी राज्‍य में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देगी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस सरकार के कथित घोटालों और ज्यादतियों की सीबीआई जांच भी शुरू करेगी। पार्टी पिछले साल असम के साथ हुए अंतरराज्यीय सीमा समझौते की समीक्षा करेगी और राज्‍य को संविधान के अनुच्छेद 371 के विशेष सुरक्षात्मक प्रावधानों के दायरे में रखने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाएगी।” घोषणापत्र में कहा गया है कि देशी आदिवासी संस्कृतियों और रीति-रिवाजों की रक्षा के लिए, पार्टी अनुच्छेद 371 के तहत मेघालय राज्य के लिए विशेष सुरक्षात्मक प्रावधानों के विस्तार के लिए दबाव बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सुरक्षा के सख्त नियम लागू करेंगे

वीपीपी के घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी मेघालय निवासियों की सुरक्षा और सुरक्षा के सख्त नियमों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। पार्टी इनर लाइन परमिट (ILP) के कार्यान्वयन पर केंद्र से आग्रह कर राज्य में गैर-मूल निवासियों की आमद को नियमित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वीपीपी ने कहा कि सत्‍ता में आने के बाद राजस्व नुकसान और पर्यावरण के विनाश को रोकने के लिए हम कोयले और अन्य खनिजों का खनन और परिवहन कानून के अनुसार करेंगे।

घोटालों की सीबीआई जांच कराई जाएगी

एमडीए सरकार द्वारा किए गए कथित वित्तीय अनियमितताओं और घोटालों और अन्य ज्यादतियों के खिलाफ वो सीबीआई द्वारा जांच कराएगी। इन घोटालों में कोविड-19 खर्च, पीडीएस चावल घोटाला, सौभाग्य घोटाला, जेजेएम घोटाला, विधानसभा की गुंबद गिरना, कोयले का अवैध परिवहन, अवैध कोक फैक्ट्री, शिक्षकों के खिलाफ आंसूगैस और चेरिस्टरफाइड थांगखिव एनकाउंटर शामिल है।

आरक्षण नीति की समीक्षा

वीपीपी ने घोषणा पत्र में आरक्षण नीति की समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि राज्य की वर्तमान आरक्षण नीति कोई कानून नहीं है, बल्कि यह कार्यकारी आदेशों का संग्रह है। अब स्थिति वर्ष 1972 की तरह नहीं रही हैं। इसलिए, आरक्षण नीति की समीक्षा करने और एक अधिनियम के रूप में बनाए जाने की आवश्यकता है। घोषणापत्र में वीपीपी ने मेघालय गेमिंग अधिनियम, 2021 को निरस्त करने का वादा भी किया है। इसके अलावा मेघालय अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम, 2012 को मजबूत किया जाएगा। वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने का भी वादा किया।

युवाओं के लिए कृषि उद्योगों को विकसित करेंगे

वीपीपी ने बिना रोजगार के विकास को जनविरोधी बताया और कहा कि पार्टी राज्‍य के युवाओं के लिए कृषि आधारित उद्योगों को विकसित करेगी। इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कदम उठाएगी। सरकारी क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। पार्टी युवाओं और अन्य लोगों के लिए अधिक रोजगार पैदा करने निजी क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करेगी।

स्‍वास्‍थ्‍य पर फोकस

घोषणा पत्र में पार्टी ने स्‍वास्‍थ्‍य पर भी फोकस किया है। वीपीपी के अनुसार वह सरकारी डिस्पेंसरियों, उप-स्वास्थ्य केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी और सिविल अस्पतालों को मजबूत कर लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्‍ध कराएगी। वहीं पार्टी ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने और तत्काल आधार पर लंबित मेडिकल कॉलेजों की पूर्ण स्थापना का भी वादा किया।

खासी और गारो भाषाओं को मान्‍यता

वीपीपी ने घोषणा पत्र में कहा कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में खासी और गारो भाषाओं को शामिल करने की मांग को भी पूरा किया जाएगा। यदि पार्टी सत्‍ता में आई तो इन भाषाओं को मान्‍यता मिलेगी। इसके अलावा पार्टी राजनीति में भाग लेने के लिए शिक्षकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसे एनपीपी-यूडीपी के नेतृत्व वाले मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस ने रोकने की कोशिश की।