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Niti Aayog Meeting: पीएम मोदी ने राज्यों को दिया आत्मनिर्भरता का मंत्र,


नई दिल्ली। नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों से कहा कि वोकल फॉर लोकल किसी एक राजनैतिक पार्टी का एजेंडा नहीं है बल्कि यह हम सभी का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जहां कही भी संभव हो, हमें लोगों को देसी आइटम के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

राज्यों से थ्री टी ट्रेड, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी मंत्र पर फोकस करने के लिए कहा

प्रधानमंत्री ने राज्यों से कहा कि उन्हें आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने के अवसरों को तलाशना चाहिए और सभी राज्यों को ट्रेड, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी (थ्री टी) के प्रोत्साहन मंत्र पर फोकस करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने राज्यों से यह कहा कि जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसमें और बढ़ोतरी की जा सकती है। जीएसटी संग्रह को और बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों के आपसी सहयोग की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए हमें अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि कोरोना काल से बाहर निकलने में भारत ने विकासशील देशों को मजबूत संदेश दिया है कि कैसे कम संसाधनों के बावजूद इस प्रकार की चुनौतियों से उबरा जा सकता है और इसका श्रेय राज्यों को जाता है जिन्होंने सार्वजनिक सेवाओं को नीचे तक पहुंचाया।

क्या था एजेंडा

रविवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें 23 राज्यों के मुख्यमंत्री, तीन उपराज्यपाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर जैसे कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने शिरकत की। बैठक में मुख्य रूप से दाल व तिलहन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने, स्कूल की शिक्षा और उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेप) के अमल और शहरी प्रशासनिक तौर-तरीके पर चर्चा की गई। बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर भी मौजूद थे।

भारत अभी अपनी जरूरत का 60 फीसद खाद्य तेल का आयात करता है। इस आयात निर्भरता को खत्म करने के लिए गवर्निंग काउंसिल की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा की गई।

क्या हुआ फैसला

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्रा ने बताया कि तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए। इन राज्यों ने तिलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से लेकर सिंचाई व्यवस्था करने में मदद की मांग की। उत्तर पूर्व के राज्यों में पाम ऑयल की खेती बढ़ाने पर भी राज्यों के साथ चर्चा की गई। नीति आयोग के सदस्य वी.के. पाल ने बताया कि काउंसिल की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर सभी राज्यों में रजामंदी दिखी।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह भी तय किया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए हर महीने राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जाएगी। बैठक में यह बात सामने आई कि भविष्य में तेजी से शहरीकरण होने वाला है, इसलिए सभी राज्यों को शहरी प्रशासन पर फोकस करना चाहिए। नीति आयोग की बैठक में अगले साल भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन की चर्चा की गई जिसमें सभी राज्यों को दुनिया के सामने अपनी-अपनी क्षमता के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।

केसीआर पर नहीं हुई चर्चा

काउंसिल की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और उन्होंने जी-20 की बैठक में पश्चिम बंगाल की क्षमता का प्रदर्शन करने की बात कही। लेकिन बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद नहीं थे। राव ने नीति आयोग के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। हालांकि आयोग के सीईओ अय्यर ने बताया कि बैठक में राव को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। बिहार के मुख्यमंत्री के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी तबियत खराब थी, इसलिए उन्होंने भाग नहीं लिया।