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Odisha Train Tragedy: बूढ़ी यशोदा को है आज भी अपने नंदलाल का इंतजार


साहिबगंज। : पुरानी साहिबगंज कुम्हारटोली में स्थित अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के पास रहने वाली 60 वर्षीय यशोदा देवी को आज भी अपने बेटे नकुल उर्फ भीम का इंतजार है। पथराई आंखों से वह अपने बेटे का इंतजार कर रही है। आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं। जब भी कोई दरवाजे पर आता है तो लगता है कि उसका बेटा लौट आया है, लेकिन उन्‍हें मायूसी हाथ लगती है।

मां को है बेटे के लौट आने की उम्‍मीद

इस बीच भुवनेश्‍वर एम्‍स में एक शव की पहचान भी कुछ हद तक नकुल के रूप में हुई है, जिसकी पुष्टि अब डीएनए रिपोर्ट के मिलने के बाद ही की जाएगी। हालांकि, मां का दिल अभी भी कुछ मानने को तैयार नहीं है। उन्‍हें अब भी अपने बेटे के लौट आने की उम्‍मीद है, लेकिन अब उम्‍मीदें भी जवाब देने लगी हैं।

दो पैसे कमाने के लिए घर से निकला था नकुल

दरअसल, यशोदा देवी का 25 वर्षीय बेटा नकुल एक जून की रात चचेरे भाई राममोहन चौधरी व अनथ चौधरी के साथ रोजगार की तलाश में चेन्नई के लिए निकला था। सभी यहां से ट्रेन से कोलकाता गए और वहां से कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हुए। ट्रेन ओडिशा के बालेश्वर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें अनथ चौधरी बुरी तरह घायल हो गया, जबकि राममोहन चौधरी की मौत हो गई।

नकुल का अब तक कोई अता पता नहीं

कई दिन की मशक्कत के बाद सात जून को राममोहन चौधरी शव यहां लाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि नकुल उर्फ भीम चौधरी का अब तक कोई पता नहीं है। स्वजनों को आशंका है कि उसकी भी हादसे में मौत हो चुकी है।

घटना की सूचना मिलने के बाद यहां से नकुल का भाई अर्जुन व साला महादेव ओडिशा गए। वहां एक शव की पहचान नकुल के रूप में की, लेकिन रेल प्रशासन ने डीएनए जांच के बाद ही उसका शव देने की बात कही।

परिजनों को अब है डीएनए रिपोर्ट का इंतजार

डीएनए जांच के लिए अर्जुन के रक्त का नमूना लिया गया है। मंगलवार को जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है। जांच में अगर पुष्टि होती है तो अर्जुन को उक्त शव सौंप दिया जाएगा। उक्त शव फिलहाल भुवनेश्वर के एम्स में सुरक्षित रखा हुआ है।

अर्जुन व महादेव को रेलवे प्रशासन ने पास के ही एक गेस्ट हाउस में ठहराया है। अर्जुन चौधरी ने मोबाइल पर बताया कि उन्होंने जिस शव की पहचान नकुल के रूप में की उस पर एक और व्यक्ति ने दावा ठोका था। हालांकि, वह अपना दावा छोड़कर चला जा चुका है। एक-दो दिन में शव सौंप दिया जाएगा।

काम के लिए पहली बार जा रहा था बाहर

लक्ष्मण चौधरी के दो संतानों में नकुल उर्फ भीम चौधरी छोटा था। लक्ष्मण चौधरी दिव्यांग हैं। नकुल का बड़ा भाई अर्जुन चौधरी अलग रहता है। नकुल अपने माता-पिता के साथ ही रहता था। यहां राजमिस्त्री का काम करता था। काम न मिलने पर पहली बार कमाने के लिए बाहर जा रहा था।

वीडियो कॉल पर आखिरी बार की थी पत्‍नी से बात

कोलकाता में कोरोमंडल एक्सप्रेस में बैठने के पूर्व वीडियो काॅल कर पत्नी प्रेमलता देवी से बात की थी। बच्चों के साथ-साथ माता-पिता का भी ख्याल रखने को कहा था। नकुल ने कहा था कि किसी से चार सौ रुपया ले लेना। काम मिलने पर पैसा भेजने की बात कही थी। नकुल चौधरी के तीन बच्चे हैं जिनमें तीन साल की बेटी है। दो साल का एक बेटा है और छह माह का बेटी है।