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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के युद्ध ने खोली प्रधानजी की पोल


हरदोई, । रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान अपने वीडियो को लेकर हरदोई की वैशाली यादव चर्चा मेंं हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक वीडियो जारी करके छात्रों को वहां से निकालने की अपील की थी। इस वीडियो को यह कहकर प्रचारित किया गया कि वैशाली के पिता समाजवादी पार्टी के नेता महेंद्र सिंह यादव ने पुत्री से सरकार को बदनाम करने के लिए वीडियो बनवाया जबकि वह भारत में ही हैं। जिसके बाद इंटरनेट मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप की बाढ़ आ गई। बुधवार को वैशाली ने दूसरा वीडियो जारी करके इसे राजनीतिक रंग न देने की बात कही है। जिला प्रशासन की जांच में पता चला कि वैशाली गांव में नहीं यूक्रेन में ही थीं और बुधवार को वह रोमानिया पहुंच गईं और वहां से भारत आ रही है।

खास बात यह है कि वीडियो की पड़ताल के साथ यह भी तथ्य सामने आया कि वैशाली एक गांव की प्रधान भी हैं और बिना किसी सूचना के यूक्रेन मे पढ़ाई कर रही हैं। मामला सांडी विकास खंड के तेरा पुरसौली का है। इस खुलासे के बाद डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी से निकाली गई धनराशि, अभिलेखों के संबंध में जवाब मांगा है। अप्रैल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में सांडी के पूर्व ब्लाक प्रमुख महेंद्र सिंह यादव की पुत्री वैशाली यादव को विकास खंड के गांव तेरा पुरसौली का प्रधान चुना गया था। प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद वैशाली यादव मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन चली गईं।

इसकी किसी को जानकारी भी नहीं हुई, लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिडऩे पर वैशाली भी वहीं फंस गईं और जब उन्होंने वीडियो जारी कर सरकार से मदद मांगी। गांव के प्रधान के बिना सूचना के देश के बाहर होने की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अमला भी चौकन्ना हो गया। जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत रजनीकांत और ग्राम विकास अधिकारी गौरव मिश्र को नोटिस जारी किया कि प्रधान के देश के बाहर होने की उन्होंने जानकारी क्यों नहीं दी। गांव में विकास कार्य किसने कराए और कितना पैसा निकाला गया। डीपीआरओ ने बताया कि वैशाली देश के बाहर है,इसलिए उसे नोटिस जारी न करके ग्राम पंचायत अधिकारी और एडीओ से जवाब मांगा गया है।

जारी किया दूसरा वीडियो : वैशाली यादव ने बुधवार को अपना एक और वीडियो जारी किया। उन्होंने अपने वीडियो को राजनीतिक मुद्दा बनाने पर नाराजगी जाहिर की। पहले वीडियो में भी उन्होंने सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। उनकी अपील छात्रों को वहां से निकालने को लेकर थी। उन्होंने कहा कि जैसे वह फंसी वैसे कोई भी फंस सकता है।

यह है नियम : डीपीआरओ गिरीश चंद्र ने बताया कि विदेश से धनराशि निकालना वित्तीय अनियमितता में आता है। डिजिटल साइन से भी विदेश से धनराशि नहीं निकाली जा सकती है। उनके स्थान पर अगर दूसरा हस्ताक्षर करता रहा तो भी गलत है। प्रधान को बैठकों में रहना पड़ता है। लगातार तीन बैठकों में भी प्रधान के अनुपस्थित रहना भी नियम के खिलाफ है। पूरी जांच हो रही है और उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। अनुमति लेकर ही प्रधान अधिकतम छह महीने तक निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रह सकता है