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Sawan 2022: चंदन व बेलपत्र सहित ये चीजें अर्पित कर भोलेनाथ को करें प्रसन्‍न,


धर्मशाला, Sawan Somvar Vrat Vidhi, भगवान भोलेनाथ यानि शिव का समर्पित सावन का माह शुरू हो गया है। सावन माह शुरू होते ही जिला कांगड़ा के शक्तिधामों में भी रौनक लौट आई है। जिला कांगड़ा में तीनों शक्तिधाम श्री ज्वालाजी, श्रीचामुंडा देवी और श्री बज्रेश्वरी देवी कांगड़ा में श्रद्धालुओं की संख्या में इस माह बढ़ोतरी होगी। वहीं 29 जुलाई से श्रावण अष्टमी मेले भी शुरू हो जाएंगे। इन मेलों में शक्तिधामों में श्रद्धा का सैलाव उमड़ता है। इसको लेकर सभी मंदिर प्रशासनों की ओर से तैयारियां पूरी कर ली हैं।

सावन का यह माह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है तो शिव की अराधना में भोले भक्त पीछे नहीं रहते। इस माह में सभी सोमवारों को शिवालयों में भोलेनाथ की जय जयकार होती है। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में कई शिव मंदिर हैं। इसके साथ ही जिला कांगड़ा में भी कई शिव मंदिर हैं। इनमें बैजनाथ शिव मंदिर, काठगढ़ शिव मंदिर, अघंजर महादेव मंदिर खनियारा, त्रिलोकपुर शिव मंदिर और कालेश्वर शिव मंदिर देहरा प्रमुख हैं। इस मंदिरों में सावन माह के सोमवारों को खूब श्रद्धालु पहुंचते हैं।

सावन के महीने में शिव जी की आराधना और रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सब मनोरथ पूर्ण होते हैं। शिव भक्त सावन के सोमवार का व्रत करते हैं। मुख्य रूप से अविवाहित कन्याओं और शादीशुदा महिलाओं के लिए सावन सोमवार व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। माना जाता है कि व्रत से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्ति का वरदान मिलता है।

सावन के सोमवार को ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

पंडित विपिन शर्मा के अनुसार शिव जी को पूजा के दौरान चंदन, अक्षत, इत्र, बेलपत्र, गंगाजल, दही, घी, केसर, गन्ना, भांग, धतूरा, आक का फूल, चमेली, जूही, अलसी या कनेर का फूल और शहद जरूर चढ़ाना चाहिए। व्रत विधि के बारे में उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह जल्दी उठकर और स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें और भगवान शिव की पूजा करें या फिर मंदिर जाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें। पूजा के बाद शिव चालीसा और मंत्र जाप को बहुत उत्तम माना जाता है। सावन मास में सात्विक भोजन करना चाहिए और मांस, मदिरा से दूर रहना चाहिए।