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SC ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को दिया निर्देश,


नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने में केंद्र द्वारा महीनों की देरी हुई है। SC की टिप्पणी है कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस बात से नाखुश है कि NJAC ने संवैधानिक मस्टर पास नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस अदालत द्वारा निर्धारित सभी तरह के कानून का पालन किया जाए।

इस तरह के अधिनियम आवश्यक

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, महिलाओं और आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों सहित समाज के कमजोर वर्गों के पोषित अधिकारों की रक्षा के लिए इस तरह के अधिनियम आवश्यक हैं।

केंद्र का कहना है कि इस प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए 9 राज्यों ने वर्षों से अधिनियम पारित किए हैं। केंद्र का कहना है कि ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा ऐसे राज्य हैं जहां पहले से ही धर्मांतरण पर कानून है।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, धोखे, जबरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है।