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UP: अभ्यर्थियों की नजर में सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का जिम्मेदार कौन? लखनऊ में धरना देकर जताया था विरोध


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त कर दिया है। सीएम ने कहा है कि छह माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार में हैं। कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। युवाओं की मेहनत बर्बाद करने वालों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई होगी।

 

इधर, सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाकर शुक्रवार सुबह से आलमबाग ईको गार्डन में हजारों अभ्यर्थी धरने पर बैठ गए। अभ्यर्थियों ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर अड़े रहे। पेपर दोबारा कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी नारेबाजी करते रहें। परीक्षा दोबारा कराओ लिखे पम्फलेट और बैनर अभ्यर्थियों के हाथ में थे।

बवाल की सूचना पर पुलिस उपायुक्त पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। वहीं, अधिकारी, धरना समाप्त कराने के लिए अभ्यर्थियों की मान-मनौव्वल करते रहें, पर रात तक उन्हें सफलता नहीं मिली। अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा रद न होने तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे।

‘अफसरों की लापरवाही से पेपर हुआ लीक’

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि अफसरों की लापरवाही से पेपर लीक हुआ है। इससे अयोग्य अभ्यर्थी पास होंगे और मेहनत करने वाले फेल हो जाएंगे। अभ्यर्थियों का उग्र रूप देखकर पुलिस के साथ ही पीएसी भी तैनात कर दी गई।

लखनऊ में 113 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा

उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने सिपाही के 60,244 पदों पर भर्ती लिखित परीक्षा का आयोजन 17 और 18 फरवरी को कराया था। परीक्षा दो पालियों में सुबह 10 से दोपहर 12 और दूसरी पाली की दोपहर तीन से पांच बजे तक हुई थी। लखनऊ में 113 केंद्रों पर करीब सवा दो लाख अभ्यर्थी नामित हुए थे। वहीं, प्रदेश भर में 48 लाख अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था।