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UP: चुनाव परिणाम बताएगा बाराबंकी में कितनी कारगर रही सपा की नई रणनीति,


बाराबंकी, । राजनीति भी एक प्रयोगशाला है। इसमें बाजी को अपने पक्ष में करने के लिए समय-समय पर रणनीति में बदलाव किया जाता रहा है। ऐसा ही इस बार के भी विधानसभा चुनाव में हुआ। सपा ने दो पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा को साधने और ज्यादा सीटों पर जीत के लिए नई रणनीति पर काम किया है। इसके तहत तीन पूर्व मंत्रियों की सीटों में अदला-बदली करते हुए उन पर एक बार फिर भरोसा जताते हैं। जबकि, दो विधायकों और एक पूर्व विधायक को मौका दिया है। सपा की यह रणनीति कितनी कारगर रही यह दस मार्च को मतगणना के बाद ही तय हो सकेगा, लेकिन सभी सीटों पर दिलचस्प मुकाबला होने से परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।

मेहनत पर भारी पड़े जातीय समीकरण : समाजवादी पार्टी की ओर से दो पूर्व मंत्रियों में समन्वय के लिए बनाई गई नई रणनीति में मेहनत पर जातीय समीकरण भारी पड़े हैं। पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप और राकेश वर्मा ने रामनगर क्षेत्र में मेहनत करते हुए फील्डिंग सजाई थी, जबकि पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई कुर्सी इलाके में सक्रिय रहे थे। लेकिन, नई रणनीति के फरीद को अपने पुराने क्षेत्र रामनगर भेजा गया, जहां मुस्लिम वर्ग निर्णायक भूमिका में है। इसी प्रकार कुर्सी से पूर्व मंत्री राकेश वर्मा और दरियाबाद से अरविंद सिंह गोप को मैदान में उतारा गया है। इन दोनों क्षेत्रों में क्रमश: कुर्मी और क्षत्रिय मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं।