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खाने के तेल का दाम और नहीं बढ़ाएं कंपनियां, पहले से ही खराब हैं हालात : SEA


नई दिल्ली,  खाद्य तेलों के संगठन (Edible Oil Organisation) एसईए ने अपने सदस्यों से दाम नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने अपने सदस्यों से कहा कि ग्राहकों को असुविधा से बचाने और उन्हें राहत देने के लिए फिलहाल अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में बढ़ोतरी से बचना चाहिए। अपने सदस्यों को लिखे पत्र में एसईए के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी का कहना था कि देश कुछ समय पहले से खाद्य तेलों की महंगाई की चपेट में है। उस पर रूस-यूक्रेन युद्ध ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।

 

चतुर्वेदी का कहना है कि खाद्य तेलों का मुख्य रूप से आयात होता है और विदेशी बाजारों में उपजी परिस्थितियों के चलते इस समय खाद्य तेलों की महंगाई कुछ ज्यादा है। इस महंगाई ने नीति नियंताओं को असहज किया है। उन्हें ऐसा लग रहा है कि कारोबारी खाद्य तेलों और तिलहन की कालाबाजारी कर रहे हैं। हालांकि संगठन को ऐसा नहीं लगता है। लिहाजा, यह सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे भारत सरकार द्वारा खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाई गई भंडारण सीमा का पूरी तरह पालन करें। संगठन ने सदस्यों से यह भी कहा है कि वे ऐसे कठिन समय में आपूर्ति सुनिश्चित करने के सभी जरूरी उपाय करें।उल्लेखनीय है कि भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल जरूरतों की भरपाई आयात से करता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भारत में यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात पूरी तरह बंद हो गया है। वहीं, रूस ने भी सूरजमुखी तेल की बिक्री सीमित कर दी है।