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WB : धर्मेंद्र प्रधान ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, कहा- बच्चों के भविष्य से समझौता चिंताजनक


नई दिल्ली। बंगाल में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के सुबूतों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को हटाकर स्थिति संभालने की राजनीतिक कोशिश जरूर की है लेकिन केंद्र से उन्हें याद दिलाया गया है कि राज्य में शिक्षा की स्थिति को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं गया। बिना कोई आरोप लगाए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चिट्ठी लिखकर ममता से आग्रह किया है कि प्रदेश में लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए उचित कदम उठाएं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार हर मदद करेगी। पार्थ चटर्जी के खिलाफ जांच एजेंसियों ने ढेरों सुबूतजमा कर लिए हैं।

कहा- शिक्षक भविष्य बनाते हैं, वहां गड़बड़ी गंभीर चिंता का विषय

वहीं प्रदेश भाजपा का आरोप है कि पार्थ दरअसल प्यादे थे, असली खेल राज्य सरकार में ऊपर से चल रहा था। इसी बीच प्रधान ने भी चिट्ठी लिखी है और बताया है कि राज्य में शिक्षा भर्ती में भारी अनियमितता की शिकायतें आ रही हैं। शिक्षक देश के भविष्य का निर्माण करते हैं लेकिन बंगाल में मनोबल टूट गया है। लोगों के विश्वास को धक्का लगा। शिक्षकों के चयन के लिए 2014 में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा की शुरुआत हुई थी लेकिन नियुक्ति दो साल बाद 2016 से शुरू हुई। ग्रुप सी और डी की भर्ती में भी शिकायतों का अंबार है।

बंगाल केंद्र सरकार की अधिकतर बैठकों से होता है गैर मौजूद

शिक्षकों का गुणवत्ता के साथ इस तरह का समझौता बड़ी चिंता विषय है। प्रधान का पत्र इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ममता सरकार का प्रतिनिधि केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई बैठकों से अक्सर गैरहाजिर रहता है। परीक्षा पैटर्न को लेकर हुई बैठक में भी बंगाल ने हिस्सा नहीं लेता रहा है, जबकि देश के सभी राज्यों से प्रतिनिधि आते हैं। नई शिक्षा नीति को बड़े बदलाव की नींव के रूप में देखा जा रहा है लेकिन बंगाल ने उसे भी नहीं माना और अलग से एक कमेटी बना दी है।