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West Bengal: मोबाइल गेमिंग एप से धोखाधड़ी मामले में देश-विदेश के 160 बैंक खातों से 32 करोड़ रुपये फ्रीज


 कोलकाता। मोबाइल गेमिंग एप के जरिए करोड़ों रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता पुलिस ने देश-विदेश में मौजूद 160 बैंक खातों में जमा और 32 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेश से उन खातों में रुपयों का लेन-देन होता था। इन लेन-देन से मामले में गिरफ्तार आमिर खान के सहयोगी शुभोजीत श्रीमानी के लिंक को टटोला जा रहा है। पता चल रहा है कि शुभोजीत दुबई से इस गोरखधंधे को आपरेट कर रहा था।

आमिर खान के विभिन्न बैंक खातों से 20 करोड़ रुपये जब्त

आमिर खान के कोलकाता के गार्डेनरीच इलाके में स्थित घर में गत 10 सितंबर को छापामारी कर ईडी ने 17 करोड़ 32 लाख रुपये बरामद किए थे। उसके बाद कोलकाता पुलिस भी मामले की जांच में सक्रिय हुई थी। बरामदगी के बाद से आमिर खान फरार था। कोलकाता पुलिस ने उसे 23 सितंबर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। आमिर खान के विभिन्न बैंक खातों से 20 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। उसके पास बिटक्वाइन में निवेश किए गए 100 करोड़ रुपये का भी पता चला है।

आमिर की देश-विदेश में मौजूद संपत्ति को जब्त कर रही ईडी

दूसरी तरफ ईडी ने आमिर खान की देश-विदेश में मौजूद संपत्ति को जब्त करने की प्रकिया शुरू कर दी है। ईडी का दावा है कि धोखाधड़ी के रुपयों से ही ये सारी संपत्ति खरीदी गई थी। जिन लोगों के माध्यम से ये संपत्ति खरीदी गई थीं, केंद्रीय जांच एजेंसी को उनकी भी पुख्ता जानकारी मिली है। ईडी के मुताबिक आमिर खान की कोलकाता व विभिन्न राज्यों के अलावा दुबई में बहुत सारी संपत्ति हैं। आमिर के राज्य के एक मंत्री व सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक पार्षद से संपर्क होने का भी दावा किया गया है।

तृणमूल के मंत्री के साथ करीबी संबंध

आमिर ने कोलकाता से सटे न्यूटाउन में अपनी एक महिला मित्र के नाम से एक फ्लैट किराए पर ले रखा था। वहां से 100 से अधिक मोबाइल के सिम बरामद हुए हैं। उन्हीं को खंगालने पर तृणमूल पार्षद का पता चला है। उक्त पार्षद के राज्य के एक मंत्री के साथ करीबी संबंध हैं। आमिर उक्त पार्षद के माध्यम से ही मंत्री से संपर्क करता था। आमिर के 147 बैंक खातों के लेनदेन में तृणमूल पार्षद के परिवार के एक सदस्य के नाम का पता चला है। पिछले पांच साल से मोबाइल गेमिंग एप के जरिए की जा रही धोखाधड़ी की काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा उक्त पार्षद के जरिए ऊपर बैठे लोगों को भेजा जा रहा था।