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WHO ने पहली मलेरिया वैक्सीन को दी हरी झंडी


  • मलेरिया हर साल 4 लाख लोगों की जान लेने का कारण बनती है और उनमें से आधे अफ्रीका के बच्चे होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ये धारा का रुख मोड़ने में मदद करेगी.

हर साल मलेरिया की वजह से 4 लाख लोगों की जान चली जाती है, उनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. पिछले कुछ दशकों में बीमारी के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है यानी मौत की दर 2000 से करीब आधे में हो गई लेकिन अभी भी लंबी दूरी बाकी है. मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण वैज्ञानिकों के लिए वास्तविक चुनौती पेश की है. दशकों से शोधकर्ता एक वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं लेकिन ये उतना आसान नहीं रहा.

दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन मंजूर

वैक्सीन बनाने की कई कोशिशों से मजबूत इम्यूनिटी पैदा नहीं हुई. इसके बावजूद वैक्सीन का विकास हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिसर्च के शानदार नतीजे आने के बाद बुधवार को पहली बार बच्चों के लिए मलेरिया की वैक्सीन पर मुहर लगाई. GlaxoSmithKline की बनाई वैक्सीन Mosquirix मुकम्मल नहीं है- ये पूरी तरह टीकाकरण करा चुके बच्चों के गंभीर मलेरिया में करीब 30 फीसद कमी पैदा करती है.